भरतपुर. देश मे फैली कोरोना महामारी की वजह से देश के सारे बड़े मंदिरों के पट दर्शनों के लिए पूरी तरह से बंद किए हुए हैं. जिसके बाद भक्त अपने प्रभु के दर्शनों के लिए तरस गए हैं. इस संकट की घड़ी में भगवान के दर्शन करने आने वाले भक्तों को बिना दर्शन के ही लौटना पड़ रहा है. हालांकि मंदिरों में सुबह शाम भगवान की आरती की जा रही है, लेकिन भगवान के गेट भक्तों के लिए अभी बंद है.
वहीं, बयाना में प्रमुख आस्था का धाम झील का बाड़ा का मंदिर भी इन दिनों पूरी तरह से बंद है. झील का बाड़ा मंदिर के पट बंद हुए आज 02 महीने हो चुके है. वहीं, 90 साल के एक बुजुग ने बताया कि उन्होंने कभी भी झील का बाड़ा देवी के मंदिर के पट कभी बंद होते नहीं देखा और ना ही उन्होंने अपने बुजुर्गों से कभी इस तरह मंदिर बंद रखने के बारे में सुना था.
मंदिर के पुजारी बृजकिशोर शर्मा मंदिर के पट बंद रखकर माता कैलादेवी की नियमित पूजा आरती करते हैं. उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग के निर्देशानुसार पिछले 21 मार्च से इस मंदिर के पट और श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश बंद है. कोरोना संकट के चलते इस बार वहां वार्षिक मेले का भी आयोजन नहीं हो सका.
कैलादेवी का ये प्राचीन मंदिर बयाना भरतपुर रोड पर बयाना से 15 किमी और भरतपुर से 30 किमी दूर अरावली पर्वत माला की गोद में स्थित घने जंगलों में करीब 125 साल पहले भरतपुर के तत्कालीन महाराजा की ओर से बनवाया गया था. इस मंदिर परिसर में ही करीब 100 साल पहले महाराजा किशनसिंह की ओर से रविकुंड सरोवर का निर्माण कराया गया था.