जोधपुर.एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम बैठते हैं, अपने निजी अस्पताल चला रहे हैं. इस बात का खुलासा संभागीय आयुक्त की गठित कमेटी के माध्यम से हुआ है. जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कॉलेज के 11 डॉक्टरों को नोटिस देकर 15 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है.
मेडिकल कॉलेज के 11 डॉक्टर पर कार्यवाही की तलवार यह जांच कमेटी इस साल जनवरी में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर जोधपुर संभागीय आयुक्त ने बनाई थी. जिसमें विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर एडीएम फर्स्ट मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी शामिल किया था. जांच टीम के सदस्यों ने निजी अस्पताल चलाने वाले डॉक्टरों के खिलाफ पूरे सबूत जुटाए जांच रिपोर्ट के साथ डॉक्टर के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हुए की फोटो उनके प्रिस्क्रिप्शन सहित अन्य दस्तावेज भी सौंपे गए है.
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जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनुराग सिंह कुड़ी में सरोज अस्पताल का संचालन कर रहे हैं. जबकि इसी विभाग के डॉ. प्रमोद शर्मा सरदारपुरा के पावटा में अंकुर नर्सिंग होम के नाम से खुलेआम अस्पताल चला रहे हैं. इसी तरह डॉ. जेपी सोनी भी अपना अस्पताल चला रहे हैं. वह भी निजी अस्पताल में जाकर भी मरीज देख रहे हैं.
यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप शर्मा विनायक अस्पताल में ही ऑपरेशन करते हैं. इसके अलावा यूरोलॉजिस्ट डॉ. आर के सारण शहर के सभी निजी अस्पतालों में जाकर सर्जरी करते पाए गए हैं. रेडियोथैरेपी विभाग के डॉ. प्रदीप गौड़ जो खुद प्रोफेसर भी हैं. वह अपनी पत्नी के आईवीएफ क्लीनिक में अपने मरीज देख रहे हैं. गायनी विभाग की किरण मिर्धा भी निजी अस्पताल में जा रही है.
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इसके साथ ही गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुनील दाधीच अपना खुद का निजी अस्पताल पाल लिंक रोड पर चला रहे हैं. सरकारी खर्च पर डीएम की डिग्री हासिल करने वाले हेमेटोलाजी विभाग के डॉ. गोविंद पटेल ने पाल लिंक रोड पर सोना देवी नाम से अस्पताल खोल रखा है. ऑर्थोपेडिक डॉक्टर एस पी राठौड़ पावटा में ही कैलाश अस्पताल चला रहे हैं. जबकि मेडिसिन विभाग के अनुबंध पर कार्यरत डॉ. विनीत तिवारी अस्पताल समय मे अपने घर पर प्रक्टिस करते पाए गए थे.