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सर्वोच्च न्यायालय ने जुर्माने के आदेश के खिलाफ पेश अपीलों में हस्तक्षेप करने से किया इनकार - ETV Bharat rajasthan news

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्य पीठ ने (Rajasthan High Court) न्यायाधीशों पर टिप्पणी के मामले में अधिवक्ता सुमित सिंघल पर पचास हजार का जुर्माना लगाया गया था. इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने अपील पेश की गई, जिसे खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने अगले तीस दिन में पचास हजार रुपये जुर्माना जमा करवाने का आदेश दिया है.

Rajasthan High Court
न्यायाधीशों पर टिप्पणी के मामले

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Published : Aug 8, 2022, 11:07 PM IST

जोधपुर.न्यायाधीशों पर टिप्पणी करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्य पीठ (Rajasthan High Court) की ओर से लगाए गए पचास हजार रुपये के जुर्माने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय ने पेश अपील में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है.

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश वी वाई चंद्रचूड़ की बेंच में अधिवक्ता सुमित सिंघल की अपील पर सुनवाई हुई. जिसमें न्यायाधीश ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. बेंच की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट की ओर से लगाए गए जुर्मान के खिलाफ हमेशा सर्वोच्च न्यायालय में अपीले पेश करने की प्रथा चल रही है, जो उचित नहीं है. उन्होने कहा की जब सर्वोच्च न्यायालय जुर्माने के आदेश को रद्द कर देती है तो वे अपने कोर्ट रूम में अनुशासन स्थापित नहीं कर पाते. उन्होंने अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को उच्च न्यायालय के आदेशों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके परिणामस्वरूप उनके निर्णय कमजोर हो जाते हैं.

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अधिवक्ता सुमित सिंघल ने राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के एक निर्णय में अपना नाम नहीं आने पर रिव्यू पिटीशन पेश की थी. जिसमें न्यायाधीशों पर टिप्पणी (Advocate Remark on judges) भी की गई. इस पर कोर्ट ने रिव्यू को खारिज करते हुए पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. जिसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अपील पेश की गई. सर्वोच्च अदालत ने भी इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए अगले तीस दिन में पचास हजार रुपये जुर्माना जमा करवाने का आदेश दिया है.

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