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बेरोजगारी के निराकरण के बिना पेपर लीक पर मृत्युदंड भी बेअसर : हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि चाहे (capital punishment on paper leak) मृत्युदंड का प्रावधान कर दें, लेकिन जब तक बेरोजगारी का मसला हम नहीं सुलझा लेते तब तक पेपर लीक होते रहेंगे.

Child Counseling and Skill Development Training Center
Child Counseling and Skill Development Training Center

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Published : Mar 1, 2022, 4:13 PM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी मुख्य न्यायाधीश मंगलवार को जोधपुर के नारी निकेतन परिसर में बाल अधिकारिता विभाग की ओर से स्थापित बाल परामर्श एवं कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र (Child Counseling and Skill Development Training Center) के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि यह केंद्र इस सोच के साथ बनाया गया है कि यहां उन्हें अपने पैरों पर खडा होने के काबिल बनाया जा सके. उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी के बीच होने वाली पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए बनाए जा रहे प्रावधानों को लेकर भी टिप्पणी की है.

क्योंकि 18 साल की उम्र के बाद जब वे यहां से बाहर निकलेंगे तो वे जाएंगे कहां?. वर्तमान में मुख्यधारा में उनके लिए कुछ नहीं होगा. इस केंद्र में उन्हें अपने पैरों पर खडा होना सिखाया जाएगा. उन्होंने कहा कि आप लोग जानते हैं कि हाल ही में (Reet Paper Leak Case) रीट के जो पेपर लीक हुए इसके बारे में बहुत चर्चाएं हो रही हैं. मंथन भी हो रहे है. इसका ऑप्शन हमारी कोर्ट में भी आया था. एजी साहब ने कहा कि आंइदा ऐसा नहीं हो इसके लिए सख्त कायदे बनाने जा रहे हैं, ऐसा करने वाले सख्त सजा पाएंगे.

पेपर लीक पर मृत्युदंड भी बेअसर : हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश

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मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'लेकिन मेरे दिमाग ने मुझे कहा कि अब चाहे मृत्युदंड का प्रावधान भी कर दें लेकिन जब तक बेरोजगारी का मसला हम सुलझा नहीं पाएंगे तो पेपर लीक होते ही रहेंगे'. अपने संबोधन में उन्होंने मौजूद बच्चों से कहा कि जब आप भविष्य में सफल हो जाएं, अफसर बन जाएं एक मुकाम हासिल कर लें तो अपने जैसे दस बच्चों की मदद जरुर करें.

गौरतलब है कि नारी निकेतन परिसर स्थित बाल सुधार गृह में न्यायाधीश संदीप मेहता के प्रयास से यह केंद्र स्थापित किया गया है. यहां किसी अपराध में निरुद्ध होकर आने वाले बच्चों को रखा जाता है. जिन्हें अब कौशल विकास का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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मेरी बोलने की स्वतंत्रता वापस आने वाली है :मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी ने कहा कि हमारे बोलने पर कितनी पाबंदिया होती हैं. यह सब जानते हैं. लेकिन खुशी की बात है कि चार दिन बाद मैं अपनी फ्रीडम आफ स्पीच वापस प्राप्त कर लूंगा. मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल 6 मार्च को समाप्त हो रहा है. जिसके चलते उन्होंने कहा कि 'मेरे बोलने की आजादी उसके बाद वापस आ जाएगी'.

सीजेआर की टिप्पणी पर मंत्री ने बनाई दूरी :कार्यक्रम के बाद मंत्री ममता भूपेश से बेरोजगारी पर मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी पर पूछा गया तो वे कहने लगी कि वे इस पर कुछ नहीं बोल सकती. सरकार रीट को लेकर अपना काम कर रही है. जल्द नई परीक्षा होगी.

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