जोधपुर. 18 दिसम्बर को पुलिस कस्टडी में रातानाडा थानाक्षेत्र के भाटिया चौराहा पर हुई सुरेश सिंह की हत्या को एक माह हो गया है. लेकिन पुलिस अभी तक शूटर और साजिश करने वालों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. इसे लेकर रावणा राजपूत समाज ने सुरेश के परिजनों के साथ आज पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर शीघ्र गिरफ्तारी और परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की है. ऐसा नहीं होता है तो समाज सड़कों पर उतरेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस की होगी.
रावणा राजपूत समाज जोधपुर के अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि 18 दिसंबर को हुई इस घटना के बाद पुलिस ने आश्वस्त किया था कि 10 दिन में आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे और परिवार को सहायता भी दिलाई जाएगी. लेकिन पुलिस अभी तक आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है. परिवार को 2 माह बाद भी किसी तरह की सहायता नहीं मिली है. जबकि सुरेश की हत्या पुलिस की कस्टडी में हुई थी.
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गौरतलब है कि 18 दिसम्बर को पाली न्यायालय में पेशी के बाद सुरेश सिंह को अन्य बंदियों के साथ जोधपुर लाया गया था. भाटिया चौराहा पर पुलिस कस्टडी में उन्हें उतारा गया. भाटिया चौराहा से सभी को केंद्रीय कारागृह जाना था. इसके लिए पुलिस लाइन से वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया. जैसे ही बस से उतरकर वे कुछ दूर चले, दो युवक आए और उन्होंने सुरेश सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोली मारकर दोनों युवक बाइक से भाग निकले जो आज तक पुलिस गिरफ्त से दूर है.
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जबर सिंह को तोड़ नही पाई पुलिस, बेटे गायब...
इस घटना के बाद सामने आया कि सुरेश की पाली जिले के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर जबर सिंह से अदावत थी. जबर सिंह के बेटे सुरेश को मारना चाहते थे. उन्होंने ही पूरी साजिश रची थी. पुलिस ने प्रकरण में मामला दर्ज करने के बाद जबर सिंह को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन उससे पुलिस कुछ उगलवा नहीं सकी, जबकि उसके बेटों के मोबाइल फोन घटना के दिन से ही लगातार बंद आ रहे थे. जोधपुर पुलिस की टीमें इसके लिए गुजरात सहित कई अन्य जगह पर लगातार दबिश भी दे चुकी है. लेकिन जबर सिंह के दोनों हिस्ट्रीशीटर बेटे प्रवीण सिंह व भरत सिंह अभी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं.