जोधपुर. शहीद भगत सिंह के भतीजे प्रो. जगमोहन सिंह ने कहा कि जिन स्थानों पर आजादी के लिए लोगों ने तपस्या की थी, वह तपोवन है. इन जगहों को विकसित करना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी को उनके बारे में पता चल सके. प्रो. जगमोहन सिंह ने गुरुवार को जोधपुर में माचिया बायोलॉजिकल पार्क स्थित माचिया किला (Shaheed Bhagat Singh nephew visited Machia Fort) का अवलोकन करने के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि यह देश की विरासत है और इसे हिस्टोरिकल साइट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां भी लोगों ने संघर्ष किया था. उनकी तपस्या को लोग याद रखें इसके लिए माचिया किले (Machia Fort in Jodhpur) को विकसित करने का काम सरकार को करना चाहिए.
साल में सिर्फ दो बार लोगो को आने की अनुमति
आध्यात्मिक क्षेत्र पर्यावरण संस्थान समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास इस किले को स्मारक बनवाने के लिए प्रयासरत हैं. वर्तमान में यह किला वन विभाग के अधीन है. 15 अगस्त और 26 जनवरी को यहां झंडारोहण के लिए अनुमति मिलती है. इस किले में लगी 32 में से 30 स्वतंत्रता सैनानियों की तस्वीरें इन्होंने ही जगह-जगह से एकत्र कर लगाई हैं. अब राज्य सरकार ने भी माचिया किले को विकसित करने की घोषणा कर दी है. इसके लिए जेडीए ने कार्यों की रूपरखा बनाई है लेकिन वन विभाग के नियम उसमें बाधा बने हुए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बायोलॉजिकल पार्क के बीच में होने से यहां लोगों की अनवरत आवाजाही नहीं हो सकती.