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जोधपुर: 7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन... - जोधपुर न्यूज

रामस्नेही संप्रदाय रामधाम खेड़ापा की शाखा कुड़ी रामद्वारा में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में सूरसागर रामद्वारा महंत रामप्रसाद महाराज ने प्रवचन दिया. महंत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि पुण्य कर्मों का अर्थ केवल वह कर्म नहीं जिनसे आपको लाभ होता है, बल्कि वो कर्म है जिनसे दूसरों का भला भी होता है.

Seven-day Srimad Bhagwat Katha organized, सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन,
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

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Published : Dec 12, 2019, 8:47 AM IST

भोपालगढ़ (जोधपुर).राम स्नेही संप्रदाय रामधाम खेड़ापा महंत पुरुषोत्तमदास महाराज के सानिध्य में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तहत कथा वाचक सुरसागर रामद्वारा महंत रामप्रसाद महाराज ने भागवत कथा की महिमा के बारे में जानकारी दी. क्षेत्र के कुड़ी गांव स्थित रामद्वारा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा व्यास के तहत आसपास के गांवो से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर भागवत कथा का श्रवण कर लाभ उठाया. इस दौरान भागवत कथा में रामस्नेही संप्रदाय रामधाम खेड़ापा महंत पुरुषोत्तमदास महाराज, उत्तराधिकारी गोविंदराम शास्त्री ने भी शिरकत कर श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए.

7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

कार्यक्रम संयोजक महंत बालूदास महाराज ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा व्यास में प्रवचन करते हुए कथावाचक रामस्नेही संप्रदाय रामधाम खेड़ापा शाखा सूरसागर रामद्वारा महंत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि पुण्य कर्मों का अर्थ केवल वह कर्म नहीं जिनसे आपको लाभ होता है, बल्कि वो कर्म है जिनसे दूसरों का भला भी होता है.

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पुण्य कर्म करने का उद्देश्य मरने के बाद स्वर्ग को प्राप्त करना ही नहीं, अभी तो जीते जी जीवन को स्वर्ग बनाना भी है. स्वर्ग के लिए पुण्य करना बुरा नहीं मगर परमार्थ के लिए पुण्य करना ज्यादा ही पुण्य है. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि भागवत कथा सुनने से मनुष्य के सभी पापों का नाश हो जाता है और पुण्य का काम बढ़ जाता है. इसलिए व्यक्ति को होने चहिए की कहीं भी भागवत कथा चले, उनका सरवन करने अवश्य पधारें.

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उन्होंने आगे कहा कि शुभ भावना के साथ किया गया प्रत्येक कर्म ही पुण्य है. इस दौरान भागवत कथा में अलग-अलग प्रंसग के अनुसार सजायी जा रही झांकियों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर जयकारों के साथ पंडाल को गुंजायमान कर दिया. जिससे भक्त झुमने पर मजबूर हो गए.

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