जोधपुर. न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने यह आदेश धापा देवी व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिये हैं. धापादेवी व अन्य की ओर से अधिवक्ता सुशील विश्नोई ने पक्ष रखते हुए न्यायालय को अवगत करवाया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरपीएससी और निदेशालय बीकानेर 345 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हेतु सूचि जारी कर चुका है. फिर भी सचिवालय स्तर पर फाइल को अनुमोदन हेतु लम्बे समय से रोक रखा है.
पढ़ें :किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस निकालेगी पैदल मार्च, खाचरियावास ने ली तैयारियों की बैठक
मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश जवाब पर नाराजगी जताई और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को उक्त प्रकरण में नियुक्ति हेतु पात्र अभ्यर्थियों के मार्ग में आ रही वित्तीय स्वीकृति संबंधी सभी बाधाओं को दूर कर शपथ पत्र के जरिये जवाब दाखिल करना था. लेकिन इस संबंध में विभाग के जेएलआर आदेश की पालना की बजाय केवल साधारण पत्र कोर्ट में दाखिल कर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं. न्यायालय ने दस मार्च तक आदेश की पालना करने के निर्देश जारी किए हैं.
क्या है मामला...
सेकंड ग्रेड भर्ती 2013 में विभिन्न विषयों के करीब 586 पद आज तक रिक्त पड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार व आरपीएससी कागजात सत्यापन के बाद 345 पात्र अभ्यर्थियों की सूचि निदेशालय को भेज चुका है. शिक्षा निदेशालय लगातार सचिवालय जयपुर से नियुक्ति हेतु अनुमति मांग रहा है, लेकिन शिक्षा सचिवालय वित्तीय स्वीकृति के नाम पर उक्त फाइल को कई महीनों से दबाए बैठा है. तीन महीने के धरने के बाद पीड़ित बेरोजगार पुनः उच्च न्यायालय की शरण में पहुंचे हैं. उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सचिवालय का रवैया ढुल मूल ही रहा है.