जोधपुर. शहर के निजी अस्पताल में शनिवार शाम को एक मरीज को डिस्चार्ज करने को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि (MLA Divya Maderna on strike) ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा एक घंटे तक धरने पर बैठी रहीं. इस दौरान कई बार अस्पताल के कर्मचारियों, विधायक समर्थक और मरीज के परिजनों के बीच हाथापाई भी हुई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बीच बचाव किया. हालांकि विधायक ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनकी मिलीभगत से डॉक्टर भाग गए.
दरअसल ओसियां क्षेत्र के रहने वाले एक 43 वर्षीय युवक को 7 सितंबर को हार्ट अटैक आया था. उसे परिजन उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए. लगभग मृत प्राय युवक के उपचार के लिए डॉक्टरों ने खर्च के रूप में तीन लाख बताए. इसको लेकर परिजनों ने सहमति दी, हस्ताक्षर भी किए. उपचार के बाद युवक के स्वास्थ्य में सुधार हो गया. अगले दिन परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि उपचार चिरंजीवी योजना के तहत किया जाए. आरोप लगाया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने ऐसा करने से मना कर दिया. साथ ही परिजनों की सहमति से पैकेज पर इलाज होने की बात कही. इससे विवाद बढ़ता गया. इस दौरान विधायक ने भी योजना के तहत इलाज करने की बात कही. लेकिन योजना के अंतर्गत उपचार नहीं हुआ.
शनिवार को मरीज की छुट्टी होने पर अस्पताल ने बकाया राशि मांगी. इसपर परिजनों ने पैसे देने से मना कर (Hospital Denied treatment under Chiranjeevi Scheme) दिया. परिजनों का कहना है कि उन्होंने इलाज चिरंजीवी योजना के तहत करने को कहा था. जबकि अस्पताल का कहना है कि इलाज के लिए परिजनों ने सहमति दी है. जिसके बाद शनिवार देर शाम को विधायक दिव्या मदेरणा वहां पहुंची. इस दौरान उनकी भी डॉक्टरों से बहस हो गई. जिसके बाद वह धरने पर बैठ गईं.