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मनी लॉन्ड्रिंग केस : रॉबर्ट वाड्रा की ओर से पूरा पक्ष नहीं रख पाए वकील...मंगलवार को फिर होगी सुनवाई, ED ने मांगी है वाड्रा की कस्टडी

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Published : Jul 26, 2021, 7:08 PM IST

बीकानेर के कोलायत में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने 79 लाख में 270 बीघा जमीन खरीदी और 5 करोड़ में बेच दी. वे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामने कर रहे हैं. राजस्थान हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई में पूरा पक्ष नहीं रखा जा सका. सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी.

मनी लॉन्ड्रिंग केस रॉबर्ट वाड्रा
मनी लॉन्ड्रिंग केस रॉबर्ट वाड्रा

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े मामले में दायर याचिका पर जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत में सुनवाई हुई. वाड्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कुलदीप माथुर ने पक्ष रखा.

वरिष्ठ अधिवक्ता तुलसी ने कहा कि वाड्रा के खिलाफ एफआईआर बेबुनियाद है. उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. केवल षड्यंत्रपूर्वक वाड्रा को फंसाने का कार्य किया गया है. जमीन से जुड़ा पूरा ट्रांजैक्शन पारदर्शी रूप से किया गया था. इसमें किसी प्रकार का गबन या षड्यंत्र नहीं था.

करीब डेढ़ घंटे चली सुनवाई के बाद भी वाड्रा के वकील पूरा पक्ष नहीं रख सके. ऐसे में उच्च न्यायालय ने कल मंगलवार को दोपहर 3 बजे मामले में आगे की सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से एडिशनल सॉलीसीटर जनरल राजदीपक रस्तोगी और जोधपुर से यूनियन ऑफ इंडिया के वकील आरपी भानु प्रकाश बोहरा मौजूद रहे. ईडी ने दो प्रार्थना पत्र पेश कर रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति मांगी है, जिस पर सुनवाई नहीं हो पाई.

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स्काई लाइट कम्पनी ने बीकानेर में खरीदी थी जमीन

रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट ने बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र में साल 2012 में सस्ती दरों पर करीब 270 बीघा जमीन 79 लाख रूपये में ही खरीदी थी. जबकि ये जमीन भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए आंवटित थी. फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले ही वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया था.

मनी लॉड्रिंग से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की थी. ईडी की पूछताछ से बचने के लिए वाड्रा लंबे अरसे से प्रयास करते रहे थे. लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश पर ईडी के समक्ष पेश हो चुके हैं. ईडी ने अनुसंधान में सहयोग नहीं करने पर उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश कर हिरासत में लेकर पूछताछ की अनुमति मांगी है.

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