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Rajasthan highcourt: 2 साल के मासूम ने गिराई मां-बाप के बीच के झगड़े की दीवार, हाईकोर्ट की मध्यस्ता से साथ रहने को तैयार

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Published : Nov 22, 2021, 10:40 PM IST

2 साल के मासूम बच्चे को देख राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan highcourt) ने झगड़ा कर अलग रह रहे पति-पत्नी को मिलवा दिया. न्यायालय ने दोनों को समझाया और मध्यस्ता की. मध्यस्ता से मामला सुलझ गया और एक मासूम की वजह से पति-पत्नी दोबारा एक साथ जीवन जीने को तैयार हो गए.

Rajasthan High court
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जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan highcourt)का प्रयास से 2 वर्षीय मासूम बच्चे के लिए माता-पिता ने एक साथ जीने का फैसला लिया है. पति अपनी पत्नी को न्यायालय से ही अपने घर ले गया. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश समीर जैन की खंडपीठ के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुन्दर देवी का पति कल्पेश अपने बच्चे के साथ न्यायालय के समक्ष पेश हुआ.

न्यायालय के समक्ष सुन्दर देवी ने कहा कि उसका पति उसके बच्चे को जबरन ले गया था. उसके साथ मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया था. न्यायालय ने 2 साल के मासूम को देखते हुए दोनों को समझाया. बच्चे के हित के लिए दोनों के एक साथ रहने के लिए मध्यस्ता की. मध्यस्ता से मामला सुलझ गया और एक मासूम की वजह से पति-पत्नी दोबारा एक साथ जीवन जीने को तैयार हो गए.

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न्यायालय ने पति को हिदायत दी है कि पत्नी के साथ आगे से किसी प्रकार की मारपीट नहीं करेगा. साथ ही रानी थाना पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वो उनके घर पर जाकर हर सप्ताह देखेंगे कि याचिकाकर्ता को सम्मानपूर्वक रखा जा रहा है या नहीं. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रिपुदमन सिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखा.

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