जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के मामले में कहा कि सरकार याचिकाकर्ता को खुला बंदी शिविर में भेजे. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता सजा यापता नरेन्द्र उर्फ मुकेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.
अधिवक्ता कालूराम भाटी ने याचिकाकर्ता नरेन्द्र की ओर से पक्ष रखते हुए बताया कि हत्या के मामले में सजायाप्ता था. इसी दौरान जोधपुर की सेंट्रल जेल में जेलर भारत भूषण की हत्या भी उसने कर दी. पहले मामले में वह बरी हो चुका है जबकि जेलर की हत्या के मामले में जोधपुर की अदालत से पूर्ण जीवनकाल तक आजीवन कारावास की सजा हो रखी है. याचिकाकर्ता ने सरकार के समक्ष खुला बंदी शिविर में भेजने के लिए आवेदन किया लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया.
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राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पूर्व में भी याचिका पेश होने पर याचिकाकर्ता के आवेदन पर पुर्नविचार के निर्देश दिए थे. समिति ने कहा कि जेलर की हत्या करने की वजह से यदि बंदी को खुला बंदी शिविर में भेजा जाता है तो न केवल जेल प्रशासन हतोत्साहित होगा बल्कि ऐसी घटना करने वाले बंदियों का हौसला भी बुलंद होगा. न्यायालय के आदेश की पालना में बंदी के प्रकरण पर पुर्नविचार कर समिति द्वारा सर्वसम्मति से बंदी नरेन्द्र को खुला बंदी शिविर में नहीं भिजवाए जाने का निर्णय लिया.