जोधपुर.शहर के विकास, सौन्दर्य और अतिक्रमण को लेकर रवि लोढा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत राज लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष नगर निगम जोधपुर की ओर से अधिवक्ता राजेश पंवार मौजूद नहीं थे, उनकी ओर से सहयोगी आयुष गहलोत ने कहा कि कुछ समय की मोहलत दी जाए, इस पर न्यायालय ने आगामी 25 मार्च को मामले में सुनवाई मुकरर्र की है.
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वहीं, न्यायालय ने मौखिक रूप से कहा की झालामंड के आसपास के क्षेत्र में दुबारा मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण होने लगे हैं, जबकि पूर्व में आदेश दिया गया था कि सभी अतिक्रमण हटाने के साथ उसे मॉनिटरिंग करना होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. न्यायालय ने आगामी सुनवाई पर आयुक्त जोधपुर विकास प्राधिकरण को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश भी दिया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक छंगाणी भी मौजूद रहे.
निर्मल दुधानी की जमानत याचिका खारिज
उधर, उदयपुर में करीब 5 साल पहले प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिन में से निर्मल दुधानी ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका पेश की, लेकिन सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया गया. न्यायाधीश विजय विश्नोई की अदालत में आरोपी निर्मल दुधानी की ओर जमानत याचिका पेश करते हुए कहा गया कि वो तो केवल वहां काम करने वाला एक कर्मचारी था. डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस की ओर से कारवाई की गई है.
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यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से अधिवक्ता भानु प्रकाश बोहरा ने पक्ष रखते हुए बताया कि जब फैक्टरी में कारवाई की गई तब आरोपी निर्मल दुधानी वहां मौजूद था और उसी ने वहां की चाबियां दी है. ऐसे में वह निर्दोष नहीं हो सकता है. कारवाई के वक्त मौके पर नशीले पदार्थों से युक्त मेथाकैलोन गोलियां वाणिज्यक मात्रा से अधिक मिली हैं. मादक पदार्थ का निर्माण किया जाता रहा है और आरोपी वहां लम्बे समय से काम कर रहा है. ऐसे में उसे निर्दोष नहीं माना जा सकता है. चार्ज शीट में भी उसका हवाला दिया गया है. न्यायाधीश विश्नोई ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.