जोधपुर.राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्यपीठ में राज्य के प्रत्येक जिले में गठित किशोर न्याय बोर्ड को लेकर सुनवाई करते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छावा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से संयुक्त सचिव देवकुमार खत्री ने किशोर न्याय बोर्ड में स्टॉफ को लेकर रिपोर्ट पेश की.
न्यायालय में पेश रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल 35 किशोर न्याय बोर्ड हैं, जिनमें स्टेनोग्राफर ग्रेड द्वितीय की कुल 35 पोस्ट हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 5 स्टेनोग्राफर हैं, जबकि 30 रिक्त पड़ी हैं. वहीं रीडर की 35 पोस्ट स्वीकृत हैं, जिसमें से 21 रीडर ही हैं, जबकि 14 रिक्त सीटे हैं. कनिष्ठ न्यायिक सहायक की कुल 35 पोस्ट में से 22 रिक्त हैं. वहीं चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की कुल 105 पदों में से 102 पद रिक्त हैं. ऐसी दयनीय स्थिति में कैसे किशोर न्याय बोर्ड कार्य करेगा. बिना स्टॉफ के कहीं पर भी कार्य नहीं हो सकता तो फिर किशोर न्याय बोर्ड में कैसा होगा, यह सोचने वाली स्थिति है.
न्यायालय ने जल्द से जल्द रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं. सभी किशोर बोर्ड में प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट नियुक्त हैं. वहीं बच्चों की देखभाल के लिए फंड को लेकर पिछली सुनवाई पर निर्देश दिए थे कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट उदयपुर द्वारा कैसे फंड को मैनेज किया जा रहा है, उसके लिए कहा था. जिस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने बताया कि अब एक नया ट्रस्ट फंड बनाया गया है. राज्य खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट जिसमें एक निश्चित अनुपात में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट में से राशि राज्य फंड को हस्तान्तरित करेगा जो कि बच्चो के उन्नयन के लिए काम आएगी.
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