जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाया. एक रिवीजन याचिका पर अहम आदेश देते हुए जोधपुर मुख्यपीठ कहा कि पत्नी के पास आय का स्त्रोत होने पर भी पति को भरण-पोषण देना होगा. हाईकोर्ट ने कहा कि पति जो एक वेल्डर है, लगभग एक कुशल कामगार की तरह है और इस प्रकार यह नहीं माना जा सकता है कि वह याचिकाकर्ता-पत्नी को बनाए रखने के लिए (Rajasthan High Court Big Decision) पर्याप्त कमाई नहीं कर रहा है.
अदालत ने यह भी कहा कि भले ही याचिकाकर्ता-पत्नी घरेलू रूप से कपड़े सिल रही हो और उसके पास कुछ आय का स्रोत हो, तो भी पति अपने दो बच्चों के साथ पत्नी को भरण-पोषण का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है. जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ता पत्नी सर्वजीत कौर की ओर से अधिवक्ता कुलदीप शर्मा ने एक रिवीजन याचिका पेश की, जिसमें बताया कि पारिवारिक न्यायालय ने भरण-पोषण के तहत दोनों बच्चों के लिए तीन-तीन हजार रुपये अदा करने के निर्देश दिये थे. लेकिन पत्नी को कुछ नहीं दिया गया.