जोधपुर. वरिष्ठ न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ में पाली जिला उपभोक्ता होलसेल भंडार के चेयरमैन सुरेन्द्र कुमार जैन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सलूजा ने याचिका पेश करते हुए बताया कि राजस्थान सरकार ने अधिसूचना दिनांक 09.04.2021 के माध्यम से राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना ("आरजीएचएस") शुरू की है.
राजस्थान में पहले से ही मुख्यमंत्री निशुल्क दावा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जन योजना, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना जैसी योजनाओं के अलावा, सरकारी सेवक की जरूरतों को पूरा करने के लिए सहकारी उपभोक्ता थोक भंडार जैसे सेवाकालीन और सेवानिवृत्त, दोनों स्वायत्त निकाय पूरे राज्य में चालू हैं. लेकिन उपरोक्त योजनाओं की उपयोगिता पर (Public Schemes of Rajasthan Government) विचार किए बिना, मौजूदा योजनाओं को निरर्थक बनाने के लिए अब आरजीएचएस जारी किया गया है.
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आरजीएचएस के काम करने का तरीका आरजीएचएस के तहत दवा और दवाओं की आपूर्ति के लिए दिशा-निर्देशों के तहत प्रदान किया गया है. राज्य भर में स्थित भंडारों के विभिन्न आउटलेट द्वारा आरजीएचएस के तहत प्रदान की जाने वाली दर से कम दर पर उपलब्ध कराई जा रही है. यह योजना केवल व्यापार का निजीकरण ताकि भंडारों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप किया जा सके. याचिकाकर्ता जैन ने बताया कि सरकार की दोहरी नीति के चलते सहकारी भंडार पर संकट के बादल छा रहे है.
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सहकारी भंडार की दुकानों को तीन माह बाद भी अभी तक पेमेंट नहीं हो पाया. वहीं, प्राइवेट दुकानों को केवल पन्द्रह दिन में ही पेमेंट मिल रहा है. दूसरा सहकार भंडार पर जो कम्प्यूटर सिस्टम है, उसमें बिल का लम्बा प्रोसेस है जबकि बाहर की दुकानों पर इनता प्रोसेस नहीं है. इसके अलावा मुख्य मांग है कि जितने भी अस्पताल इस योजना से जुड़े रहे हैं, उनके इनडोर की दवा कहीं से हो, लेकिन आउटडोर की दवा केवल सहकार भंडार से ही अनुमत की जाए ताकि सहकार भंडार जीवित रह सके. अन्यथा आने वाले समय में सहकारी भंडार की दुकानों की स्थिती बिगड़ जाएगी.
याचिकाकर्ता जैन ने बताया कि इसको लेकर मुख्यमंत्री को कुछ विधायकों ने भी पत्र लिखकर इस मांग को उठाया, लेकिन उसके बावजूद कुछ नहीं हुआ. ऐसे में याचिका के जरिए (Rajasthan High Court on Gehlot Government) अब हाईकोर्ट के समक्ष गुहार की गई है. हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह में जवाब-तलब किया है.