जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ की जज रेखा बोराणा ने पशुधन सहायक भर्ती 2018 में नि:शक्तजन अभ्यर्थियों की ओर से चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टिया प्रमाण पत्रों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है (Disability certificate question raised) तो उसकी जांच करवाई जाए और यदि साबित हो जाए की प्रमाण पत्र फर्जी है तो याचिकाकर्ताओं को भर्ती से बाहर करते हुए 3 साल के लिए सभी भर्तियों से बाहर रखते हुए प्रतिबंध लगाया जाए.
कोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लेने का निर्देश दिया. दरअसल, नेमाराम व अन्य की ओर से यह कहते हुए याचिकाएं पेश की गई थीं कि वो 40 प्रतिशत से अधिक नि:शक्त हैं. Disability के तय पैमाने को पूरा करने के बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है. इस पर ही एएजी अनिल गौड़ ने पक्ष रखते हुए कहा कि 40 प्रतिशत से कम Disable किसी भी शख्स को नियुक्ति नहीं दी गई है जबकि याचिकाकर्ताओं ने जो प्रमाण पत्र पेश किया वो गलत है.