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माउंट आबू के लिए कमेटी गठन के संशोधन को चुनौती, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस - Rajasthan hindi news

माउंट आबू के ईको सेंसिटिव जोन को बचाने के लिए कमेटी बनाने और संशोधित अधिसूचना को जनहित याचिका के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती देने के मामले में कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय से जवाब तलब (Rajasthan High Court issues notice) किया है.

Rajasthan High Court issues notice
माउंट आबू के लिए कमेटी गठन के संशोधन को चुनौती

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Published : May 7, 2022, 9:35 PM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ के समक्ष माउंट आबू के ईको सेंसिटिव जोन को बचाने के लिए पिछले चार वर्षों से कमेटी गठित नहीं होने और संशोधित अधिसूचना को जनहित याचिका के जरिये चुनौती देने पर पर्यावरण मंत्रालय को नोटिस जारी (Rajasthan High Court issues notice) करते हुए जवाब तलब किया गया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने मंजू गुरबानी की याचिका पर नोटिस जारी किया है.

अधिवक्ता हिमांशु चौधरी ने बताया कि माउंट आबू को ईको सेंसिटिव जोन घोषित करते हुए निर्णय लिया था कि जब तक माउंट आबू क्षेत्र के लिए राज्य सरकार मास्टर प्लान नहीं ले आती है तब तक माउंट आबू क्षेत्र के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जायेगा ताकि पर्यावरण की महत्ता बनी रहे. कमेटी के गठन से अवैध निर्माण एवं उन गतिविधियों को रोक सकें जिससे कि ईको सेंसिटिव जोन क्षेत्र की मूल परिस्थिति में बदलाव न हो. इसके साथ ही माउंट आबू क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य की अनुमति दिए जाने का अधिकार मॉनिटरिंग कमेटी में निहित कर दिया.

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सरकार ने एक कमेटी भी गठित कर दी जिसका कार्यकाल भी पूरा हो गया और 2019 से अब तक दुबारा कमेटी का गठन नहीं किया और न ही इसका विस्तार किया गया. इस बीच पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार ने 29 सितम्बर 2021 को एक अधिसूचना जारी करते हुए मूल अधिसूचना जो कि वर्ष 2009 में जारी हुई उसे संशोधित कर दिया. मॉनिटरिंग कमेटी के गठन का अधिकार अब राज्य सरकार को दिया गया है लेकिन नवीन संशोधन में भी कमेटी के अध्यक्ष की योग्यता एवं अयोग्यता को नहीं बताया है.

इसके साथ ही प्रतिष्ठित व्यक्ति की व्याख्या भी नहीं होने की वजह से आंशका है कि राज्य सरकार ऐसे किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बना दे जो कि अध्यक्ष पद के योग्य ही ना हो. याचिका में अध्यक्ष पद की योग्यता एवं किसी राजनीतिक दल के व्यक्ति को अध्यक्ष नहीं बनाने सहित जल्द कमेटी गठन के लिए याचिका दायर की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

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