जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने कोर्ट पर गंभीर आरोप लगाने वाले एक अधिवक्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना (High Court fined advocate) लगाने के साथ ही कहा कि 30 दिन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में राशि जमा नहीं होगी, तो उसकी प्रैक्टिस पर भी रोक रहेगी.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने कोर्ट के एक रेफरेंस पर रिव्यू पिटीशन (Review petition by advocate in HC) के जरिए गंभीर आरोप लगाने वाले अधिवक्ता को कोर्ट की गरिमा कम करने वाला बताकर उसकी रिव्यू पिटीशन पर भी कहा कि इसमें कई अशुद्धियां हैं जो पढ़ा लिखा व्यक्ति नहीं कर सकता है. कोर्ट ने कहा कि ये आकांक्षाए अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं. दरअसल एक रेफरेंस में अधिवक्ता का नाम शामिल नहीं होने पर हाईकोर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिए और कहा कि ऐसा लगता है कि कोर्ट बंद चैम्बर में ही फैसले करता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उनकी ओर से दायर आवेदन व्याकरण और वर्तनी की त्रुटियों से भरा हुआ है. राज्य के उच्च न्यायालय में वादियों के मामलों में पेश होने और उनकी पैरवी करने के इच्छुक अधिवक्ता से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है.