जोधपुर. नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को उपचार के नाम पर एक बार फिर राहत नहीं मिली है. आसाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में आयुर्वेद पद्वति से उपचार के लिए दो माह की अंतरिम जमानत के लिए सजा स्थगन याचिका पेश की थी, लेकिन इस बार भी आसाराम की उम्मीद पूरी नहीं हो पाई. हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने एम्स अस्पताल में भर्ती आसाराम की नवीनतम रिपोर्ट देखने के बाद मामल में सुनवाई की. आसाराम की ओर से दिल्ली से अधिवक्ता ने वीसी के जरिए पक्ष रखते हुए कहा कि आसाराम को कोविड सहित कई गंभीर बिमारियां है, जिनका उपचार उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश-हरिद्वार में आयुर्वेद सेंटर पर करवाना चाहते है,
आसाराम को त्रिनाडी शूल सहित 12 बीमारियां आयुर्वेद चिकित्सक ने बताई है. आसाराम की उम्र भी अब करीब 84 साल की हो चुकी है. ऐसे में बेहतर उपचार के लिए सजा स्थगन करते हुए दो माह की अंतरिम जमानत दी जाए. वहीं सरकार की ओर से अनिल जोशी ने कहा कि एम्स अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार आसाराम को गंभीर बीमारी नहीं है. वर्तमान में कोविड-19 का उपचार चल रहा है और एंडोस्कोपी भी करवा दी गई है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आसाराम की ओर से पेश एसओएसए सजा स्थगन याचिका और अंतरिम जमानत को खारिज कर दिया गया है.
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आसाराम साल 2013 से लगातार जोधपुर की सेंट्रल जेल में है. कई बार बीमारी के उपचार के बहाने जमानत आवेदन पेश किया. सजा के बाद भी जेल से बाहर आने के लिए उपचार के बहाने प्रयास किया, लेकिन आज तक ट्रायल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आसाराम को कभी राहत नहीं मिल पाई.