जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश अरूण भंसाली की अदालत ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी के खिलाफ पेश चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट में पूर्व आईपीएस पंकज चौधरी की ओर से चुनाव याचिका दायर की गई थी.
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याचिकाकर्ता की ओर से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के बाड़मेर संसदीय क्षेत्र से चुनाव को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि भारतीय चुनाव आयोग कार्यालय की ओर से दुर्भावना से नामांकन पत्र जांच की दिनांक 10 अप्रैल 2019 से पूर्व धारा 33-3 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का आवश्यक प्रमाण पत्र याचिकाकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाया गया. इसलिए नामांकन पत्र नामंजूरी का आदेश विधि के विपरीत था.
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद इस आधार को नामंजूर करते हुए चुनाव याचिका को खारिज कर दिया. केंद्रीय मंत्री चौधरी की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद मुनीर ढेरा ने तर्क दिया कि चुनाव याचिका में उठाई गई आपत्ति को चुनाव याचिका के जरिए निर्णित नहीं किया जा सकता है क्योंकि उच्च न्यायालय की अधिकारिता इस हद तक सीमित है कि नामांकन पत्र की नामंजूरी सही थी या नहीं. उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता मुनीर के तर्कों को मानते हुए चुनाव याचिका को खर्चे सहित खारिज कर दिया.