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11 जनवरी से व्यक्तिगत सुनवाई एक बार फिर होगी शुरू, HC प्रशासन ने जारी की सूचना - राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई

प्रदेश में कोविड-19 की वजह से करीब 10 माह बाद अब एक बार फिर से अदालतें व्यक्तिगत रूप से न्यायिक सुनवाई को शुरू करने जा रही हैं. राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने दो अलग अलग आदेश जारी करते हुए 11 जनवरी से व्यक्तिगत और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दोनों माध्यमों से सुनवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं.

Rajasthan High Court hearing, Rajasthan High Court
11 जनवरी से व्यक्तिगत सुनवाई एक बार फिर होगी शुरू

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Published : Jan 8, 2021, 10:40 PM IST

जोधपुर.प्रदेश में कोविड-19 की वजह से करीब 10 माह बाद अब एक बार फिर से अदालतें व्यक्तिगत रूप से न्यायिक सुनवाई को शुरू करने जा रही हैं. राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन ने दो अलग अलग आदेश जारी करते हुए 11 जनवरी से व्यक्तिगत और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दोनों माध्यमों से सुनवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं.

उच्च न्यायालय जयपुर पीठ व जोधपुर मुख्यपीठ के लिए जारी सूचना के अनुसार सवेरे 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक सुनवाई होगी, जिसमें व्यक्तिगत सुनवाई के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जाएगी. वहीं प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों के लिए भी 11 जनवरी से व्यक्तिगत सुनवाई के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के लिए आदेश जारी कर दिया गया है.

पढ़ें-हाईकोर्ट का आदेश, एनटीटी भर्ती रहेगी याचिका के निर्णय के अधीन

कोविड-19 के चलते लम्बे समय से अदालतों में पक्षकारों को चक्कर लगाने पड़ रहे थे, लेकिन अब सुनवाई शुरू होने से जहां पक्षकारों को राहत मिलेगी. वहीं अधिवक्ता भी एक बार फिर से अदालतों में पैरवी के लिए पहुचेंगे. लम्बे समय से अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मुकदमों की पैरवी कर रहे थे, लेकिन अब व्यक्तिगत रूप से भी अदालतों में पैरवी कर सकेंगे.

बरसाती नाले को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई

जोधपुर शहर के बरसाती पानी को लेकर पूर्व विधायक माधो सिंह कच्छावा की ओर से दायर जनहित याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीड ने सुनवाई करते हुए तथ्यात्मक स्थित को रिकार्ड पर लाने के लिए समय दिया है.

पूर्व में मामले में 2 अलग अलग प्रार्थना पत्र पेश किए गए थे, जिसमें से एक प्रार्थना पत्र वेस्ट पटेल नगर नाले के निर्माण को लेकर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने को लेकर था. वहीं उच्च न्यायालय के समक्ष यह तथ्य भी आया कि नाले के निर्माण में एक होटल बाधक बन रहा है. होटल निर्माण होने की वजह से नाले का कार्य नहीं हो पा रहा है. इस पर निगम की ओर से पेश हुए अधिवक्ता राजेश पंवार ने कहा कि निगम ने होटल मालिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. वहीं तथ्यात्मक रिपोर्ट के लिए समय चाहा गया. जिस पर उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को अगली सुनवाई मुकरर्र की है.

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