जोधपुर.राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की टीम ने गुरुवार को बरकतुल्लाह खान स्टेडियम का दौरा किया. यह दौरा इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के क्रिकेट मैच करवाने को लेकर गुरुवार को किया गया. इससे पूरे शहर के लोगों को एक बार फिर आस बंधी है कि करीब 17 साल बाद जोधपुर में क्रिकेट मैच हो सकेंगे.
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की टीम ने किया बरकतुल्लाह खान स्टेडियम का दौरा लेकिन सबसे अधिक उम्मीद और खुशी किसी व्यक्ति को है तो वह है जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव आर के माथुर. बता दें कि माथुर का 90 के दशक में एक्सीडेंट हो गया था. उसके बाद से वे अपने पैरों पर चलने में असमर्थ हो गए. लेकिन उसके बावजूद क्रिकेट के प्रति उनकी दीवानगी रही. हैरान करने वाली बात यह है कि माथुर दिव्यांग होते हुए भी जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव बने और उनके कार्यकाल में ही जोधपुर में पहली अंतराष्ट्रीय टीम मैच खेलने आयी थी.
पढ़ेंः जोधपुर में युवक की हत्या के मामले में बिश्नोई समाज का मोर्चरी के बाहर धरना, दूसरे दिन भी नहीं उठाया शव
माथुर बताते हैं कि 99 में जयपुर में भारत-पाकिस्तान का मैच था उस समय आरसीए के अध्यक्ष पीके रुंगटा से वह मिले और उन्हें जोधपुर में मैच करवाने के लिए आग्रह किया. साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी सहयोग प्राप्त किया. उसके बाद जोधपुर को बोर्ड एकादश और न्यूजीलैंड के बीच तीन दिवसीय क्रिकेट मैच की मेजबानी मिली. इसके बाद कुछ संसाधन बढ़ाएं तो वर्ष 2000 में 8 दिसंबर को भारत और जिंबाब्वे का एकदिवसीय पहला अंतरराष्ट्रीय मैच जोधपुर के स्टेडियम में हुआ.
पढ़ेंः जोधपुर: आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े परिजन, शव को उठाने से किया इनकार
वहीं दूसरा अंतरराष्ट्रीय मैच साल 2002 में 21 नवंबर को भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुआ. माथुर बताते हैं कि उनका कार्यकाल 3 साल का था और उसके बाद वह इस पद से हट गए. नई कार्यकारिणी ने स्टेडियम में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर समर्पित प्रयास नहीं किए. जिसके चलते लंबे समय से जोधपुर में कोई मैच नहीं हुआ. लेकिन अब वैभव गहलोत के राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बनने के बाद पूरी उम्मीद है कि आने वाले साल में जोधपुर में क्रिकेट मैच होंगे. जोधपुर के बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में 30,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है.