जोधपुर. देश व प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए परिवहन मंत्रालय लगातार नवाचार कर रहा है. जिससे हादसों में कमी के साथ-साथ मौतें भी कम से कम हों. इसके तहत मंत्रालय ने प्रदेशों के सार्वजनिक निर्माण विभागों को भी विभाग के इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट (Road accident data application) एप्लीकेशन से जोड़ दिया है. जिला मुख्यालय पर एनआईसी के माध्यम से इंजीनियरों को इसके लिए प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है.
इस एप्लीकेशन के माध्यम से सड़क दुर्घटना होने पर विभाग के इंजीनियर घटनास्थल की सड़क की स्थिति की रिपोर्टिंग करेंगे. इसमें उन्हीं जगहों को चयनित किया जाएगा, जहां ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं. डेटा तैयार होने के बाद वहां की सड़क का स्ट्रक्चर, विजिबिलिटी या विकट मोड़ का विश्लेषण कर उसमें सुधार किया जाएगा. एनआईसी के वरिष्ठ तकनीक निदेशक एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी रवि माथुर ने बताया कि इस एप के माध्यम से पुलिस ने काम शुरू कर दिया है. अब सार्वजनिक निर्माण विभाग को जोड़ा जा रहा है. पुलिस को एक्सीडेंट में सड़क की खामी या अन्य कारण लगते हैं, तो वह सार्वजनिक निर्माण विभाग को भेजेंगे. इंजीनियर मौके पर जाकर पड़ताल कर उसकी रिपोर्ट एप के माध्यम से अपलोड करेंगे. जिसके बाद उस खामी को दूर किया (Roads to be repaired if found prone to accident) जाएगा.
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माथुर के अनुसार इस एप से सड़क से जुड़ी सभी एजेंसीज को जोड़ा गया है. इतना ही नहीं शहरी क्षेत्र की सड़कें संभालने वाले निगम व जेडीए को भी जोड़ा है. यह एप्लीकेशन सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास और एनआईसी के सहयोग से तैयार किया है. इसे पूरे देश में लागू किया जा रहा है. इस एप्लिकेशन के माध्यम से पुलिस परिवहन विभाग की मदद से दुर्घटनाग्रस्त वाहन की फिटनेस का भी पता लगा सकती है.