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MDM Hospital Power Crisis: एमडीएम जनाना विंग में दो घंटे तक बिजली गुल, नवजात और प्रसूताएं परेशान

जोधपुर के नामी अस्पताल मथुरादास माथुर अस्पताल (MDM Hospital Power Crisis) में जनाना विंग बिजली कटौती को 2 घंटे तक सहता रहा. इस दौरान पूरे वॉर्ड में अंधेरा रहा. प्रसूताओं और नवजातों की जान आफत में रही.

MDM Hospital Power Crisis
जनाना विंग में दो घंटे तक बिजली गुल

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Published : Jun 14, 2022, 1:57 PM IST

Updated : Jun 14, 2022, 2:36 PM IST

जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल स्थित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र जिसे जनाना विंग कहा जाता है उसमें बीती रात 2 घंटे से अधिक समय तक सभी वार्ड अंधेरे में रहे (MDM Maternity Ward Suffered). लोग इंतजार कर थक कर खुद ही कारण ढूंढने लगे. वीडियो बनाने लगे तो जिम्मेदार जागे. तब कही जाकर अलसुबाह करीब साढ़े तीन बजे वार्डों की बिजली चालू हुई. तब तक कुछ घंटों पहले जन्मे नवजात और उन्हें जन्म देने वाली माताएं परेशान होती रहीं. गर्मी और उमस के चलते सभी हलकान हो गए.

वार्डों का नर्सिंग स्टाफ बाहर चला गया. रात को जिम्मेदार परिजनों को बताने के लिए तैयार नहीं था कि बिजली कब आएगी जबकि अस्पताल परिसर की अन्य इमारतों और आवासीय परिसर में आपूर्ति जारी थी. दरअसल ज्यादा लोड होने से रात को केबल फॉल्ट हो गई. इसके चलते विंग की बिजली चली गई. इस दौरान जनरेटर चालू होना था लेकिन चालू नही हो पाया. नर्सिंग प्रभारी आशीष सिर्फ सूचना देकर बैठ गए. जहां से इलेक्ट्रीशियन व अन्य कर्मचारियों को आना था उस क्षेत्र में बिजली थी. इसके चलते उन्होंने भी गंभीरता नहीं दिखाई दूसरी और परिजन परेशान होते रहे. बेहाल परिजन खुद हर जगह पहुंचे तो कर्मचारी जनरेटर के पास गए तब जाकर आपूर्ति बहाल हुई.

एमडीएम जनाना विंग में दो घंटे तक बिजली गुल

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परिजन अनिल देवड़ा ने बताया कि रात करीब एक बजे अचानक वार्डों की बिजली चली गई. घुप अंधेरे में गर्मी के चलते मासूमों की चितकारे निकलने लगी. इसको लेकर हम जब पता करने निकले तो इस केंद्र के मुख्य द्वार के पास यूपीएस से लाइट आने से रिसेप्शन चालू था. उन्हें पता तक नहीं था कि अंदर बिजली नहीं है. बाहर बैठे गार्ड, चिकित्सा कर्मचारी यही कहते रहे कि बिजली आ जाएगी लेकिन कब यह कोई नही बता रहा था. गनीमत थी कि ऑक्सिजन प्लांट पर आपूर्ति थी. वहां से पता कर अस्पताल के जनरेटर तक पहुंचे तो वहां हमारे जाते ही जनरेटर चालू हुआ. वहां के टेक्नीशियन लक्ष्मण ने कहा की जेनरेटर में तकनीकी खराबी आ गई थी.

रात में कोई जिम्मेदार नहीं:मथुरादास माथुर अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है यहां पर जनाना विंग भी संचालित की जाती है लेकिन रात के समय जवाब देने वाला कोई जिम्मेदार नहीं होता. अस्पताल परिसर में अलग-अलग व्यवस्थाओं को लेकर कर्मचारी लगाए गए हैं. जिनकी वरीयता में जनाना विंग सबसे पीछे होती है. यहां आए दिन होने वाली इस तरह की परेशानी का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ता है.

Last Updated : Jun 14, 2022, 2:36 PM IST

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