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स्पेशलः अपराध और नशे की रोकथाम के लिए पहल, पुलिस ने शुरू किया 'ऑपरेशन क्रैक डाउन'

जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्रा ने शहर को नशा मुक्त बनाने के लिए ऑपरेशन क्रैक डाउन शुरू किया है. जिसके तहत नशा करने वाले लोगों की डॉक्टर और पुलिस मिलकर कॉउंसिलिंग करेगें और उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे.

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Published : Jan 30, 2020, 5:19 AM IST

Police and doctors are counseling addicts, जोधपुर में नशेड़ियों की कॉउंसलिंग, Counseling of addicts in Jodhpur
नशेड़ियों की कॉउंसलिंग

जोधपुर.शहर को नशा और अपराध मुक्त बनाने के लिए जोधपुर पुलिस ने एक अनोखी पहल की है. शहर में बढ़ रहे अपराधों को मद्देनजर अपराधियों पर अंकुश लगाने और नशे के कारोबारियों पर अंकुश लगाने को लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की डीसीपी वेस्ट प्रीति चंद्रा ने ऑपरेशन क्रैक डाउन शुरू किया है.

नशेड़ियों की कॉउंसलिंग

ऑपरेशन क्रैकडाउन के तहत डीसीपी ने जोधपुर शहर को नशा मुक्त करने की बात कही थी. जिसको लेकर बुधवार को पहली बार प्रतापनगर थाना में डीसीपी ने क्षेत्र के नामजद नशेड़ियों और उनके परिजनों को बुला कर बैठक ली. इस बैठक में शहर के जाने-माने साइकेट्रिक डॉक्टर और नशा छुड़ाने वाले डॉक्टरों ने नशे के आदी लोगों की कॉउंसिलिंग की, और उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया. इस बैठक में 7 लोगों की कॉउंसिलिंग की गई.

नशे में वारदातों को देते है अंजाम

डीसीपी प्रीति चंद्रा ने बताया कि नशे के आदी युवक ही क्राइम की वारदातों को अंजाम देते हैं. जिससे अपराध में बढ़ोतरी होती है. शहर में होने वाली छोटी मोटी चोरियां या छीना-झपटी नशीली पदार्थों की ही देन है. साथ ही इससे इनकी गैर कानूनी बिक्री भी बढ़ती है. यहां तक कि युवकों की आपराधिक सलिप्तता भी बढ़ती है. इसी को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन क्रैकडाउन शुरू किया गया है. इस ऑपरेशन के तहत प्रताप नगर थाने में नशेड़ी युवकों की काउंसलिंग की गई. उन्हें बताया गया कि वे लोग नशे से किस तरह दूर रहें और किस तरह से नशा छोड़े उस बारे में जानकारी दी गई.

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परिजनों के आंखों में आए आंसू

इस बातचीत के दौरान डीसीपी और डॉक्टरों ने नशेड़ियों के परिजनों से भी बातचीत की और उनसे कारणों को जानने की कोशिश की. जिसमें परिजनों ने बताया कि दोस्ती-यारी या मौज मस्ती में उनके बच्चों ने नशा शुरू किया था. लेकिन धीरे-धीरे ये बढ़ता गया और आज परिस्थितियां बदतर है. परिजनों ने बताया कि स्मैक का नशा करने के बाद नशेड़ी युवक घर पर आकर लड़ाई झगड़ा करते हैं और मारपीट करते है. ये बताते हुए उनकी आंखे भर आई.

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नशा ना छोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

पुलिस और सरकारी डॉक्टरों की मदद स इन युवकों से नशा छुड़वाया जाएगा. जिसके लिए उन्हें नशा छोड़ने हेतु निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही उन पर पुलिस द्वारा नजर भी रखी जाएगी. परिजनों और डॉक्टरों की मदद से उनकी काउंसलिंग की जाएगी. इसके बावजूद भी अगर ये नशेड़ी नशा करना नहीं छोड़ेगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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कई कारणों से शुरू करते है नशा

काउंसलिंग के दौरान पुलिस और डॉक्टर ने नशेड़ियों से नशा शुरू करने के कारण को लेकर पूछताछ की. जिसमें पता चला कि लोग डिप्रेशन में या पारिवारिक विवाद के चलते नशे के आदी हो रहे हैं. साथ ही कई बार दोस्तों के साथ मौज मस्ती में नशा शुरू कर देते है. उसके बाद इन्हें सिर्फ नशा करने के लिए बहाने की जरूरत होती है. लोगों के नशा शुरू करने के पीछे कई कारण होते है.

जोधपुर में पुलिस की ओर से कानून व्यवस्था संभालने के साथ-साथ सामाजिक सरोकार भी निभाया जा रहा है. अपराधों में कमी लाने के लिए पुलिस नशेड़ी उसे नशा छुड़वाने का भी प्रयास कर रही है. अपराध की रोकथाम और नशेड़ी उसे नशा छुड़वाने हेतु पुलिस की ओर से अथक प्रयास किए जा रहे है, लेकिन देखना होगा कि यह प्रयास किस हद तक सफल होता है.

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