राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

SPECIAL : हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से घर की छत पर उगा ली पेस्टीसाइड्स फ्री सब्जियां...जोधपुर के चार दोस्तों का नवाचार

कोरोना काल में जोधपुर निवासी दीपक वैष्णव को सेहत की चिंता सताने लगी. उन्होंने घर में और अपने दोस्तों से इस बारे में बात करनी शुरू की. किसी भी संक्रमण या रोग से मुकाबले के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना जरूरी है. इस बात पर सभी सहमत थे. इसी को ध्यान में रखते हुए चारों दोस्तों ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के सहारे घर में ही सब्जियां उगाने की ठान ली.

कोराना काल में खेती नवाचार,  जोधपुर दीपक वैष्णव हाइड्रोपोनिक्स तकनीक कृषि,  हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती जोधपुर,  खेती इजराइल तकनीक जोधपुर,  Innovation in agriculture,  Four friends pesticides free vegetables in Jodhpur,  Cultivation innovation in the Korana era,  Jodhpur Deepak Vaishnav Hydroponics Techniques Agriculture,  Farming Jodhpur with hydroponics technology,  Farming Israel Technique in Jodhpur
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से घर की छत पर उगाया सब्जियों का 'बेबीलोन'

By

Published : Jan 27, 2021, 7:56 PM IST

जोधपुर. शहरी भागमभाग के जीवन में खेती करना आसान नहीं है. लेकिन किसी ने अगर ठान ली कि बिना पेस्टीसाइड्स का उपयोग किए सब्ज्यिां प्राप्त करनी हैं. तो यह असंभव भी नहीं. ऐसा ही नवाचार कर दिखाया जोधपुर के चार दोस्तो ने. देखिये यह प्रेरक रिपोर्ट...

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से घर की छत पर उगाया सब्जियों का 'बेबीलोन'

कोरोना काल में जोधपुर निवासी दीपक वैष्णव को सेहत की चिंता सताने लगी. उन्होंने घर में और अपने दोस्तों से इस बारे में बात करनी शुरू की. किसी भी संक्रमण या रोग से मुकाबले के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना जरूरी है. इस बात पर सभी सहमत थे. इसी को ध्यान में रखते हुए चारों दोस्तों ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के सहारे घर में ही सब्जियां उगाने की ठान ली.

दीपक, विजय, नंद और विशाल की मेहनत लाई रंग

क्या है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक यानी जल संवर्धन के जरिए खेती करने की कला है. इसमें सब्जियों को मिट्टी में उगाने की जरूरत नहीं है. मिट्टी में उगने वाली सब्जियों को कीड़े और रोग से बचाने के लिए पेस्टीसाइड्स डाले जाते हैं. ये पेस्टीसाइड्स इंसानों के लिए घातक हैं और कैंसर कारक हैं. हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में सिर्फ पानी और पोषक तत्वों के सहारे सब्जियां उगाई जा सकती हैं. इसे जलीय कृषि के नाम से भी जाना जाता है.

सब्जियां उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं, पानी और पोषक तत्वों से उगती हैं सब्जियां

पढ़ें- पॉलीहाउस में खेती कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे पश्चिम यूपी के किसान, पढ़िए रिपोर्ट...

इस तकनीक से ऐसे उगती हैं सब्जियां

इस तकनीक से उपज प्राप्त करने के लिए बीज को 24 घंटे पहले पानी में भिगोया जाता है. बीज जब अंकुरित हो जाए तो उसे एक पाइप में लगे कप के सेट में बोया जाता है. इसमें मिट्टी की जगह पोषक तत्व डाले जाते हैं. निर्धारित समय के अंतराल से पाइप में पानी प्रवाहित किया जाता है. इससे सब्जियों के पौधे बढ़ने लगते हैं और सब्जियां प्राप्त होने लगती हैं.

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से छत पर उगाया सब्जियों का गार्डन

इजरायल में इस्तेमाल होती है यह तकनीक

इजराइल कृषि तकनीक के मामले में उन्नत देश है. वहां बिना मिट्टी के खेती की हाईड्रोपोनिक्स तकनीक अपनाई जाती है. इसी तकनीक से दीपक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर घर की छत और बॉलकनी में सब्जियां उगा लीं. दीपक के दोस्त विजयसिंह परिहार, नंदकिशोर गुर्जर और विशालसिंह ने उनका इस काम में भरपूर साथ दिया. दीपक और नंदकिशोर पेशे से फोटोग्राफर हैं. जबकि विजय सिंह सिविल इंजीनियर और विशाल सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. अपने पेशे के अलावा वे अब यहां ज्यादा समय देने लगे हैं. शुरूआत घर की बॉलकनी से की फिर सफल होने पर घर की छत पर काम शुरू कर दिया.

अब बढ़ने लगी है इस तरह के प्लांट लगाने की मांग

मेहनत का मिला नतीजा

दीपक वैष्णव के इस हैंगिंग गार्डन में मिर्ची, पालक, धनिया, फूल गोभी, पत्ता गोभी सहित अन्य सब्जियां प्राप्त हो रही हैं, जिनमें किसी तरह का पेस्टीसाइड नहीं है. यह सेहत पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालती बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा भी करती है. इन सब्जियों की मांग अब होने लगी है.

पढ़ें- आधुनिक तकनीकी से यहां के दो किसान कर रहे स्ट्रॉबेरी की खेती, खेतों को बनाया प्रयोगशाला

अब दे रहे व्यापारिक रूप

दीपक बताते हैं कि कोरोना के समय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अच्छे भोजन की आवश्यकता होने पर उन्होंने यह काम अपने लिए शुरू किया था. लेकिन अब वे इसे व्यापारिक रूप भी देने जा रहे हैं. लोग उनसे संपर्क करते हैं और चारों दोस्त मिलकर लोगों के लिए प्लांट भी लगा रहे हैं. दीपक बताते है कि सप्ताह में 15 मिनट से आधा घण्टे का समय देकर वे पेस्टिसाइड्स फ्री सब्जियां हासिल कर रहे हैं.

बीज को अंकुरित कर पाइप के कप सेट में लगाया जाता है

आवश्यकता आविष्कार की जननी है. कोरोना काल में सेहत सुधारने की आवश्यकता ने दीपक और उनके दोस्तों को नवाचार के लिए प्रेरित किया और अब यह प्रेरणा कई लोगों का जीवन बदलने की राह पर है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details