जोधपुर.हाईटेंशन बिजली के तार, जिनमें करीब 11 हजार वोल्ट करंट होता है. इससे 11kv भी कहा जाता है. नियमों के अनुसार हाईटेंशन लाइन की ऊंचाई जमीन से लगभग 30 फीट की ऊंचाई पर होनी चाहिए. बिजली विभाग के नियम हैं कि हाईटेंशन लाइन के 30 से 35 फीट के दायरे में किसी भी प्रकार के कोई मकान या अन्य निर्माण नहीं होना चाहिए. लेकिन, जोधपुर शहर के सांगरिया इलाके में कुछ ऐसे कॉलोनी और नगर बने हुए हैं, जिन घरों से मात्र 5 से 10 फीट की ऊंचाई पर ही हाईटेंशन लाइन गुजर रही है, जिससे वहां रहने वाले आम लोगों को दिन-रात खतरा बना रहता है.
वहां रह रहे लोगों का कहना है कि वे लोग बिजली की हाईटेंशन लाइन की वजह से अपने घरों की छत पर भी नहीं जा पाते. छत पर हाईटेंशन लाइन के नीचे खड़े होने पर उनके शरीर में कंपन महसूस होती है, जिसके चलते वे लोग अपने घरों की छत पर भी नहीं जा पा रहे. महिलाओं का कहना है कि घरेलू काम जैसे- कपड़े सुखाना या अन्य काम के लिए भी छत पर नहीं जा पातीं.
1, 800 से अधिक बने हुए हैं मकान
सांगरिया इलाके के महावीर नगर में वर्तमान समय में अट्ठारह सौ से अधिक मकान बने हुए हैं, जिसमें कई परिवार रहते हैं. उन घरों के मात्र 5 से 10 फीट की ऊंचाई पर से ही हाईटेंशन लाइन गुजर रही है. वहां के लोगों का कहना है कि बारिश के दिनों में उन्हें भारी समस्या का सामना करना पड़ता है. हाईटेंशन लाइन की वजह से उनके घर में बिजली के उपकरण सहित अन्य लोहे वाली जगहों पर करंट महसूस होता है. साथ ही कुछ महीने पहले एक युवक के साथ हाईटेंशन लाइन की वजह से हादसा भी हुआ, जिसमें उसका एक हाथ पूरी तरह जल गया था. बिजली विभाग को इस संबंध में सूचना दी गई थी. लेकिन आज तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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क्षेत्रवासियों ने बताया कि गर्मी के दिनों में तेज हवाएं चलने पर भी उनके घरों और दुकानों में करंट दौड़ता है. कुछ महीने पहले तो ऐसे भी हादसे सामने आए, जहां घर के बाहर खड़ी गाड़ी में अचानक आग लग गई. आग लगने का कारण बाद में पता लगा कि गाड़ियों को हाईटेंशन लाइन के नीचे पार्किंग के लिए खड़ा किया गया था. क्षेत्रवासियों का कहना है कि उन्होंने यह मकान और प्लॉट लगभग 20 साल पहले से ले रखे हैं. पहले इस क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन नहीं निकलती थी, लेकिन जब संगरिया क्षेत्र में लोगों की आबादी बढ़ी और इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ी. उसके बाद बिजली विभाग की तरफ से हाईटेंशन लाइन खींची गई है, जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने कई बार इस बारे में बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया. लेकिन अभी तक इस मामले पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बिजली विभाग और सरकार से आग्रह करते हैं कि उनके क्षेत्रों से जल्द से जल्द बिजली की हाईटेंशन लाइन हटाई जाए, जिससे की वे आराम से अपना जीवन यापन कर सकें.
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50 प्रतिशत खर्च देना होगा
सांगरिया सहित अन्य इलाकों में घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन के बारे में जब जोधपुर डिस्कॉम के एमडी अविनाश सिंघवी का कहना है कि नियमों के अनुसार हाईटेंशन लाइन के आसपास किसी भी प्रकार का निर्माण करना वर्जित है. लेकिन अगर ऐसे लोग जिन्होंने हाईटेंशन लाइन लगने से पहले मकान ले रखे हैं. वे अब हाईटेंशन लाइन को हटवाना चाहते हैं तो उनको हाईटेंशन लाइन हटवाने में आने वाले कुल खर्च का 50 प्रतिशत देना होगा. बाकी का 50 प्रतिशत जोधपुर डिस्कॉम वहन करेगा. एमडी बताया कि हाईटेंशन लाइन से आने वाली समस्या को लेकर आई हुई एप्लीकेशन का रिव्यू किया जाएगा. साथ ही देखा जाएगा कि वहां निर्माण के बाद हाईटेंशन लाइन लगाई गई थी या पहले से लगी हुई है. उसके बाद इन समस्याओं को दूर किया जाएगा.