जोधपुर. सरकार ने जनअनुशासन पखवाड़ा इसलिए लागू किया था कि इससे लोग अनुशासित होंगे और कोरोना संक्रमण की रफ्तार रुकेगी, लेकिन कोरोना के जो हालात चल रहे हैं, उससे लगता नहीं कि जनता ने अनुशासन की पालना की है. इसका परिणाम है कि अस्पतालों में आज कोरोना संक्रमितों की कतारें लगी हुई हैं. अब जोधपुर के हालात भी बडे़ शहरों जैसे होने लगे हैं. मंंगलवार से एमडीएम अस्पताल में बेड की कमी के चलते वेटिंग एरिया में लगी कुसियों पर ही मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा जाने लगा है. इसकी वजह है कि प्रतिदिन रोगियों का बढ़ता आंकड़ा. यहां दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है जिसके चलते बीते 11 दिनों से हर दिन 1 हजार से ज्यादा संक्रमित समाने आ रहे हैं.
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हाल ही में एक बार यह आंकड़ा एक दिन 2 हजार से भी ज्यादा पहुंच गया था. इस दौरान 19 अप्रैल से लागू हुए जनअनुशासन पखवाडे़ के बाद जो संक्रमण की दर सामने आई वह भी चिंताजनक हैं. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयलोजी प्रयोगशाला में बीते एक सप्ताह में संक्रमण दर 35 फीसदी से अधिक रही है. 26 अप्रैल को तो पूरे शहर में जांचे गए 3697 नमूनों में 1711 पॉजिटिव मामले सामने आए. संक्रमण दर 46 फीसदी तक पहुंच गई है.
यानी की लगभग हर दूसरे व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, जो बताता है कि जनअनुशासन पखवाडे़ में भी जनता कितनी अनुशासित रह रही है, वह अस्पतालों की स्थिति से नजर आ रहा है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसएस राठौड़ का कहना है कि जनता से अपील है कि वे घरों में रहें जिससे इस चेन को ब्रेक किया जा सके. वहीं एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी का कहना है कि जिस गति से संक्रमण दर बढ़ रही है, वह बेहद चिंताजनक है. इस लिए लोग स्वयं सावधानी रखें.