जोधपुर.लोगों से बैंक खाते में क्रेडिट कार्ड के ओटीपी नंबर पूछ कर उनके खातों में सेंध लगाना आम बात हो चुकी है और अब ज्यादातर लोग समझने भी लगे हैं कि किसी को ओटीपी नंबर शेयर नहीं करना चाहिए. लेकिन जालसाज नए-नए रास्ते ठगने के लिए निकाल रहे हैं.
अब जालसाज होने ओटीपी नंबर फोन कर पूछने के बजाय लोगों को बता रहे हैं कि जो लिंक मिलेगा, उसमें ओटीपी नंबर डाल दीजिए. इससे आम आदमी को लगता है कि ओटीपी नंबर वह किसी को व्यक्तिगत शेयर नहीं कर रहा है, लेकिन यह भी ठगी का नया तरीका बन गया है. ऐसा ही घटनाक्रम जोधपुर में कार्यरत एक सेना के जवान के साथ हुआ है.
जवान के पास 3 फरवरी को एक कॉल आया था, जिसमें उसके क्रेडिट कार्ड को लेकर बात की गई और बताया गया कि क्रेडिट कार्ड पर 25000 का रिकॉर्ड आया है. रिवॉर्ड प्राप्त करने के लिए एक लिंक भेजा जाएगा, उस लिंक पर आपको प्राप्त होने वाले ओटीपी नंबर डाल दीजिए. जवान ने बिल्कुल फोन पर महिला के द्वारा बताई गई प्रक्रिया अपनाई इस प्रक्रिया के पूरे होते ही जवान के क्रेडिट कार्ड से 110000 पार हो गए. अंदेशा है कि इस राशि से ऑनलाइन खरीदी हुई है.