जोधपुर. दक्षिण भारत में बारिश के चलते प्याज की फसल खराब हो गई थी जिसकी वजह से प्याज महंगा हो गया. हालांकि अब वापस दूसरी फसल आने की तैयारी है जिसके बाद भाव नियंत्रित हो रहे हैं. लेकिन कई जगह किसानों ने हर वर्ष प्याज महंगा होने के कारण स्टॉक कर लिया था जिसकी वजह से इसके दामों में उछाल आया है. हालांकि नया माल बाजार में आने तक जिन लोगों ने प्याज स्टॉक कर रखा है उनको भी परेशानी हो सकती है. फिलहाल बाजार में फुटकर प्याज का रेट 80 रुपये किलो तक पहुंच गया है. यही वजह है कि आमजन ने प्याज से दूरी बना रखी है.
प्याज के भाव बढ़ने से संकट महंगाई का एक बड़ा कारण यह भी है कि बोरी या कट्टों में आने वाले प्याज काफी मात्रा में खराब भी निकल जा रहे हैं. इसकी वजह से भाव ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते दोगुने हो जा रहे हैं. परेशानी इस बात की भी है कि एक बार प्याज के भाव में तेजी आ जाती है तो मंडी में भले ही भाव कम हो जाए फुटकर बाजार में इसे दुकानदार अधिक दाम पर ही बेचते हैं.
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जोधपुर में फिलहाल यही हालात हैं. जोधपुर की भदवासिया होलसेल मंडी में प्याज 30 से 40 रुपये किलो में बिक रहा है लेकिन यह दूसरी मंडी और बाजारों के स्टोर में आते-आते 80 रुपये किलो तक में बिकने लग जाता है. प्याज की आवक इतनी कम हो गई है कि पहले जहां जोधपुर की मंडी में प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक तक आते थे, वहीं अब 2 से 3 ट्रक ही आ रहे हैं लेकिन दीवाली तक इसमें सुधार होने की उम्मीद है.
यही कारण है कि मंडी में हर कोई प्याज बेचने से कतरा रहा है. गिनती के फुटकर व्यापारी रह गए हैं जिसकी वजह है भाव में रोजाना उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. इसका असर जनता पर भी नजर आ रहा है. ग्रहणियां पहले जहां घर में सब्जी में चार प्याज का प्रयोग करती थीं वहीं अब एक से ही काम चला रही हैं. हालांकि होलसेल के व्यापारियों का कहना है कि अगले 10 से 15 दिनों में भाव में कुछ कमी आ सकती है. लेकिन पूरी राहत राजस्थान में खासतौर से मारवाड़ के ओसिया मथानिया की फसल और सीकर से प्याज आने के बाद ही मिलेगी, जो कि फरवरी में आएगा. तब तक प्याज के भाव कम होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि फुटकर बाजार में बिचौलिया की वजह से भाव बढ़े हैं जो जल्दी ही काबू में आ जाएंगे.