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225 दिन में देश के एक करोड़ परिवारों को मिला नल कनेक्शन, शेखावत ने सभी राज्यों को दिया सफलता का श्रेय

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Published : Aug 13, 2020, 4:51 PM IST

केंद्र की जलशक्ति मंत्रालय ने इस बार कोरोना महामारी के बावजूद इस साल अब तक देश के लगभग एक करोड़ घरों में नल का कनेक्शन दिया है. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस सफलता का श्रेय सभी राज्यों को दिया है.

जोधपुर समाचार, jodhpur news
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

जोधपुर.केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय से राहत भरी खबर आई है. कोरोना महामारी के बावजूद इस साल (225 दिन में) अब तक मंत्रालय देश के लगभग एक करोड़ घरों को नल कनेक्शन दे चुका है. इस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस सफलता का श्रेय सभी राज्यों तथा केंद्र शासित राज्यों द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों को जाता है.

शेखावत ने कहा कि आप सभी को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि अनलॉक-1 की शुरुआत से हम प्रतिदिन 1 लाख से अधिक घरों को नल कनेक्शन दे रहे हैं. सभी की शुभेच्छाओं से मंत्रालय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'हर घर नल' से जल पहुंचाने का संकल्प चरितार्थ होने की दिशा में निरंतर प्रशस्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी. 3.60 लाख करोड़ की इस योजना के तहत साल 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण आवास में नल से जल पहुंचाया जाना है. देश में 19.04 करोड़ ग्रामीण आवास हैं, जिनमें से 3.23 करोड़ में पानी के कनेक्शन चल रहे थे.

हर घर नल से जल पहुंचाने का संकल्प हो रहा चरितार्थ

राज्यों का अहम रोल...

जल जीवन मिशन की आधी राशि केंद्र सरकार वहन कर रही है तो आधा खर्च स्वयं राज्यों को उठाना है. इसके तहत बिहार, गोवा, पुदुचेरी एवं तेलंगाना ने साल 2021 तक, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मेघालय, पंजाब, सिक्कम एवं उत्तर प्रदेश ने साल 2022 तक, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा एवं छत्तीसगढ़ ने साल 2023 तक और असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड एवं पश्चिम बंगाल ने साल 2024 तक हर घर नल से जल पहुंचाने का संकल्प लिया है.

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स्वच्छ जल पहली प्राथमिकता...

जल जीवन मिशन के अंतर्गत खराब गुणवत्ता वाले पानी से प्रभावित बस्तियों में पीने योग्य जल की आपूर्ति सबसे पहली प्राथमिकता है, ताकि फ्लूरोसिस और आर्सेनिकोसिस के दुष्प्रभावों में कमी लाई जा सके. राज्यों को दिसंबर 2020 तक आर्सेनिक और फ्लूरॉइड प्रभावित बस्तियों के सभी घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करनी है.

इसके लिए जापानी इंसेफ्लाइटिस अथवा एक्यूट इंसेफ्लाइटिस से प्रभावित जिलों पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जो प्रभावित जिलों में शिशु मृत्यु की वजहों में से एक है. अभी तक असम, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 61 ऐसे प्रभावित जिलों में 3.01 करोड़ घर हैं, जिनमें 2.74 करोड़ घरों में इस योजना के तहत कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

जिओ-टैगिंग और आधार से लिंक...

खास बात यह है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर कनेक्शन की जिओ-टैगिंग की जा रही है. कनेक्शन को परिवार के मुखिया के आधार से जोड़ा जा रहा है. जिला स्तर पर मिशन की प्रगति का संकेत देने वाला डैशबोर्ड तैयार किया गया है. यह मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है. अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों, आकांक्षी जिलों, सूखा प्रभावित और रेगिस्तानी क्षेत्रों तथा पानी की खराब गुणवत्ता वाली बस्तियों को प्राथमिकता दी जा रही है.

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धन की कमी नहीं...

जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार साल 2020-21 में जल जीवन मिशन के लिए 23 हजार 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. वर्तमान में राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए 8 हजार करोड़ का केंद्रीय कोष उपलब्ध है. ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान का 50 प्रतिशत जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए निर्धारित किया गया है, जो 30 हजार 375 करोड़ के बराबर है. इस धनराशि का 50 प्रतिशत हिस्सा 15 जुलाई 2020 को जारी कर दिया गया था.

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