जोधपुर. मुख्यमंत्री के गृहनगर स्थित मथुरादास माथुर अस्पताल में कोरोना उपचार के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में व्याप्त अव्यवस्थाओं से परेशान यहां के नर्सिंग कर्मी बुधवार को काम छोड़कर प्रशासनिक खंड के बाहर एकत्र हो गए. नर्सेज का आरोप था कि रात्रि कालीन ड्यूटी करने वाले स्टाफ को दोपहर तक रहने के लिए जगह नहीं मिलती, साथ ही खाना और नाश्ता भी नहीं मिलता.
जोधपुर: अव्यवस्थाओं से संघर्ष करते MDM अस्पताल के 'कोरोना योद्धा' इसके अलावा दोपहर में जो ड्यूटी करने वाले आए थे, उनको यह नहीं पता था कि अगले दिन उन्हें ड्यूटी क्या करनी है. इसके अलावा नर्सेज ने बताया कि खाने-पीने की व्यवस्था भी पूरी तरह से ठप है. पीने के लिए पानी की बोतल तक नहीं है. सिर्फ पानी के कैंपर रखे हैं, इसका उपयोग मरीज के परिजन और अन्य भी करते हैं, इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.
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इसके अलावा वार्ड में एक ही नर्स की ड्यूटी लगाने के आदेश दिए जबकि एक नर्स पीपीई किट पहनने का बाद अकेले कुछ नहीं कर सकती. अगर पॉजिटिव मरीज के पास जाने के बाद अगर वो सप्लाई को हाथ लगते हैं तो पूरी सप्लाई संक्रमित होने का खतरा है. अपनी इन समस्याओं को लेकर नर्सिंग कर्मी करीब चार घण्टे तक खड़े रहे. लेकिन, अस्पताल अधीक्षक आश्वासन भी नहीं दे पाए.
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ईटीवी भारत ने घटनाक्रम की जानकारी दी तो प्राचार्य डॉ. जीएल मीना ने एमडीएम अस्पताल अधीक्षक, आवास और भोजन व्यवस्था प्रभारियों को बुलाकर पूरी जानकारी प्राप्त ली. डॉ. मीना ने कहा कि कहीं ना कहीं कोई गेप होने से यह समस्या आई है. स्टाफ के लिए सभी व्यवस्थाएं बनाई गई है, अगर कोई कमी होगी उसे पूरा किया जाएगा.