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छोटे किसानों के लिए पॉली हाउस का विकल्प बनेगा नेट हाउस, एक साल में ले सकेंगे 4 सब्जियों के फसल

जोधपुर के केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (Central Arid Zone Research Institute) ने पॉली हाउस की तर्ज पर नेट हाउस विकसित किया है. इस नेट हाउस में कोई भी किसान 1 साल में सब्जी की 4 फसल ले सकता है. पहले एक साल में ही इस नेट हाउस का पूरा खर्चा निकल सकता है. नेट हाउस और पॉली हाउस में क्या अंतर है और नेट हाउस कैसे उपयोगी है, यहां जानिए...

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Published : Apr 21, 2022, 12:16 PM IST

Net house will be an alternative to poly house
पॉली हाउस का विकल्प बनेगा नेट हाउस

जोधपुर.छोटे किसान अपने खेत में सब्जी की फसल ले सके, इसके लिए जोधपुर के केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (Central Arid Zone Research Institute) ने पॉली हाउस की तर्ज पर नेट हाउस विकसित किया है. इस नेट हाउस में कोई भी किसान 1 साल में सब्जी की 4 फसल ले सकता है, जिसमें टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च जैसी फसलें शामिल हैं. पहले एक साल में ही इस नेट हाउस का पूरा खर्चा निकल सकता है. इसके बाद पांच साल किसान अच्छा खासा कमा सकता है.

जोधपुर काजरी (Central Arid Zone Research Institute) ने यह नेट हाउस खास तौर से राजस्थान की भीषण गर्मी, तेज गर्म हवाएं और अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है. काजरी (CAZRI) के सब्जी विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार का कहना है कि इस नेट हाउस के किसान जुलाई से अक्टूबर तक खीरा, सितंबर से अप्रैल तक टमाटर, शिमला मिर्च, चेरी टमाटर की फसल प्राप्त कर सकता है. इस नेट हाउस का खर्चा करीब डेढ़ लाख रुपए आता है. एक नेट हाउस में 300 से ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं, जिन्हें वर्टिकल ग्रोथ दी जाती है.

पॉली हाउस का विकल्प बनेगा नेट हाउस

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डॉ. कुमार का कहना है कि हमने सब्जी की फसल का एक मॉडल विकसित किया है. कौन से महीने में कौन सी फसल ली जाएगी. उनका कहना है कि यह खासतौर से छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए नेट हाउस का डिजाइन विकसित किया गया है. हमने इसके लिए पांच साल काम किया है. अब हम इसे किसानों के बीच लेकर जा रहे हैं जिसके बाद किसान अपने खेतों में लगाकर अपनी आजीविका बढ़ा सकेंगे. महज डेढ़ लाख रुपए में एक किसान अपने खेत में इसे लगा सकता है. इसके लिए संपूर्ण जानकारी काजरी (Central Arid Zone Research Institute) उपलब्ध करवा रहा है. काजरी के निदेश डॉ. ओपी यादव का कहना है कि छोटे किसानों के हित में हमारे वेज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत और अनुसंधान के बाद इसे विकसित किया है.

नेट हाउस

नेट हाउस और पॉली हाउस में अंतर: नेट हाउस आठ मीटर चौड़ा, 16 मीटर लंबा और करीब चार मीटर की ऊंचाई का होता है. इसमें ढाई मीटर की उंचाई में तार लगाकर पौधों केा स्थिर किया जाता है. इसमें जुलाई से अक्टूबर तक खीरा, सितंबर से अप्रैल तक टमाटर, शिमला मिर्च और चेरी टमाटर की फसल ली जा सकती है. इसमें ​सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर ड्रापिंग सिस्टम लगा होता है. पॉली हाउस एक एकड़ में लगता है, जिसकी लागत करीब 40 लाख रुपए आती है. जबकि नेट हाउस छोटी जगह पर महज डेढ लाख रुपए में कम मेंटेंनस पर लगाया जा सकता है.

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कम पानी में अधिक फसल के तहत काम: काजरी (Central Arid Zone Research Institute) में डिवजीन आफ इंटीग्रेटेड फार्मिंग के प्रमुख डॉ. प्रवीण का कहना है कि आने वाले समय में पानी की कमी और होगी. ऐसे में कम पानी में अधिक फसल कैसे प्राप्त हो, इसको लेकर एक वृहद योजना के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद काम कर रही है. नेट हाउस तकनीक भी इसका एक भाग है. ​इसके माध्यम से हम सरकार की मंशा के अनुरूप किसान आमदनी बढ़ा सके, इस पर काम कर रहे हैं. काजरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नवरत्न पंवार कहते हैं कि नेट हाउस की मेंटनेंस कॉस्ट बहुत कम है और लागत भी कम आती है. कोई भी छोटा किसान इसे लगा सकता है और खुद ही मेंटेनेंस कर सकता है.

नेट हाउस में सब्जी

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यूं है उपयोगी: इस प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार का कहना है कि राजस्थान की तेजगर्मी पौधों के लिए उपयोग नहीं होती है. इसके अलावा वातावरण में मौजूद इंसेक्ट बहुत नुकसान करते हैं. नेट हाउस में हमने इंसेक्ट रोकने वाली नेट लगाई है. इसके अलावा इसमें एक डबल लेयर नेट लगाई है. इससे गर्मी के दिनों में तापमान का असर पौधों पर नहीं होता है. उनका कहना है कि दूसरी ओर पॉली हाउस तकनीक भी कारगर है, लेकिन वह बहुत महंगी होती है. उसमें तकनीक का भी उपयोग होता है. नेट हाउस बहुत आसान है. ​कोई भी किसान हमारे यहां आकर देखकर जानकारी प्राप्त कर लगा सकता है. यह क्रम शुरू हो चुका है.

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