जोधपुर.कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद अस्पतालों में जगह की कमी के चलते प्रशासन कोरोना मरीजों को घरों में ही क्वॉरेंटाइन कर रहा है. होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों के घर से निकलने पर पाबंदी होती है. जिसके चलते उनको अपनी दैनिक जरूरतों के लिए हर रोज मशक्कत करनी पड़ती है. दूध, सब्जी, राशन और डेली जरूरत के सामान पड़ोसी उनको उपलब्ध करा रहे हैं.
5 हजार के करीब मरीज होम क्वॉरेंटाइन में हैं पड़ोसी कैसे करते हैं मदद
प्रशासन की तरफ से जब भी किसी मरीज को होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है तो उनके पड़ोसियों को उनकी जरूरत के सामान की सप्लाई करने की जिम्मेदारी सौंपता है. साथ ही पड़ोसियों को इस बात के लिए भी पाबंद किया जाता है कि क्वॉरेंटाइन मरीज घर से बाहर ना निकले. जब भी उन्हे किसी सामान की जरूरत होती है तो वो फोन करके अपने पड़ोसी को इसकी जानकारी देते हैं. जिसके बाद उनके पड़ोसी सामान लाकर उनके घर के बाहर रख देते हैं. रोजाना दूध और सब्जी भी होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों के घरों के आगे रख दिए जाते हैं.
क्वॉरेंटाइन के दौरान जरूरत का सामान पड़ोसी घर के बाहर रख देते हैं पढ़ें:SPECIAL: कोटा मेडिकल कॉलेज CT Scan से भी करेगी कोरोना जांच, सप्लीमेंट्री टेस्ट के रूप में लेगा काम
प्रशासन बांट रहा है राशन पैकेट
हर बार क्वॉरेंटाइन में रह रहे मरीजों को पड़ोसियों की हेल्प नहीं मिल पाती है. जिसके चलते क्वॉरेंटाइन में रह रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पुलिस और प्रशासन के लोग उनकी मदद को आगे आते हैं. प्रशासन की तरफ से हर एरिया में व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं. जिसमें अगर मरीज को किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो एक मैसेज के साथ ही मदद मरीज तक पहुंच जाती है. प्रशासन कई लोगों के घरों में 1 महीने के राशन के पैकेट पहुंचा रहा है.
प्रशासन की तरफ से हर एरिया में व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं होम क्वॉरेंटाइन मरीजों का होता है डेली चेकअप
जोधपुर में बड़ी संख्या में बिना लक्षणों वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. जिनको प्रशासन की तरफ से होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है. चिकित्सा विभाग के मुताबिक 5000 के आसपास ऐसे मरीजों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. जिनमें से 1200 के करीब एक्टिव केस मौजूद हैं. जिनके लिए प्रत्येक एरिया में प्रभारी डॉक्टर और कर्मचारियों का व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया है.
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प्रतिदिन सुबह-शाम मरीजों की पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से हार्ट बीट, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा और स्वसन प्रक्रिया पर नजर रखी जाती है. थर्मामीटर की मदद से उनका डेली तापमान चेक किया जाता है. अगर किसी भी मरीज को परेशानी होती है तो उसे तत्काल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाता है. प्रशासन की तरफ से ज्यादातर बिना लक्षणों वाले मरीजों को घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. लेकिन अगर किसी पेशेंट को होम क्वॉरेंटाइन में परेशानी आ रही है. उसको जरूरत का सामान मिलने में दिक्कत आ रही है. या जिन लोगों के घरों में अटैच टॉयलेट-बाथरूम नहीं हैं, अलग-अलग कमरे नहीं हैं तो ऐसे मरीजों को भी कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट किया जाता है.