जोधपुर. 21वीं सदी में आज हर कोई सेल्फ डिपेंड होना चाह रहा है. पुरुष हों या महिलाएं किसी भी काम के लिए दूसरे पर निर्भर नहीं रहना चाह रहे हैं. चाहे वह जॉब को लेकर हो या अन्य काम के लिए. यही वजह है कि पुरुष के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी ड्राइविंग कर रही हैं. यही वजह है कि बीते कुछ सालों में शहर में मोटर ड्राइविंग स्कूलों की संख्या भी बढ़ी है. मोटर ड्राइविंग स्कूल को लेकर सरकार की ओर से हाल ही में बनाए गए नए नियमों के कारण अब स्कूल संचालकों को पूरे नियम कानून के तहत ही ड्राइविंग स्कूल का संचालन करना होगा. मानक के अनुसार न होने पर कुछ को ड्राइविंग स्कूल को परिवहन विभाग ने बंद करवा दिए हैं तो कुछ ने सभी प्रपत्र और उपकरण न होने से खुद ही ड्राइविंग स्कूल बंद कर दिए हैं.
मोटर ट्रेनिंग स्कूल में लाइट मोटर व्हीकल जैसे कार और हेवी मोटर व्हीकल भी सिखाए जाते हैं. मोटर ट्रेनिंग स्कूल पूर्णतया परिवहन विभाग के अंतर्गत आते हैं. ड्राइविंग स्कूल चलाने का लाइसेंस भी परिवहन विभाग की ओर से निश्चित नियम व शर्तों के आधार पर दिया जाता है. जोधपुर शहर में फिलहाल कुल 32 मोटर ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं. जोधपुर के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी के अंतर्गत 3 जिले आते हैं जिनमें जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर भी सम्मिलित है. जिनमें कुल 52 मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालित हो रहे हैं. इनमें से जोधपुर में 32 बाड़मेर में 11 जैसलमेर में एक बालोतरा में पांच और फलौदी में 3 मोटर ड्राइविंग स्कूल मोटर ड्राइविंग रूल्स 2018 के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं.
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कुछ समय पहले आरटीओ कार्यालय के आस-पास ही मोटर ड्राइविंग स्कूलों का संचालन होता था लेकिन राज्य सरकार की ओर से बनाए गए नियम में एरिया समेत अन्य कई बदलाव किए गए और उसके आधार पर अब शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालित हो रहे हैं. प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रामनारायण बडगूजर ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से निरंतर रूप से सभी मोटर ड्राइविंग स्कूल पर निगरानी रखी जा रही है और समय-समय पर उनकी जांच भी की जाती है. अगर उनमें किसी भी प्रकार की कोई कमी पाई जाती है तो परिवहन विभाग ड्राइविंग स्कूल का लाइसेंस रद्द कर देता है.
50 में से अब 32 ही बचे ड्राइविंग स्कूल
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी का कहना है कि कुछ महीने पहले भी कुछ मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी जिसमें उनके वाहनों को भी परिवहन विभाग ने सीज किया था. प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रामनारायण बडगूजर ने बताया कि नियमों के तहत अब नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत चलने वाले मोटर ड्राइविंग स्कूल में 15 वर्ष से पुराने वाहन नहीं रखे जा सकते. ऐसे में विभाग की विजिलेंस टीम समय-समय पर जोधपुर सहित अन्य जगहों पर चलने वाले मोटर ड्राइविंग स्कूल की जांच भी करती है.
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