जोधपुर. शहर में शनिवार को महानगर न्यायक्षेत्र के सभी न्यायालयों और स्थाई लोक अदालत द्वारा 5 हजार से ज्यादा मामलों का निस्तारण किया गया. इनमे 1 हजार 8 सौ 10 मामलों का निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया गया और 18 करोड़ 95 लाख 94 हजार 6 सौ 82 रुपए अवार्ड राशि पारित की गई.
इन विचाराधीन मामलों में से 10 वर्ष से पुराने 53 मामला और 5 से 10 वर्ष के भीतर के 53 मामलों का लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा द्वारा निस्तारण किया गया. इसके अतिरिक्त प्रि-लिटिगेशन के कुल 3 हजार 5 सौ 81 मामला निस्तारित किए गए. यह वह मामला हैं जो न्यायालयों में संस्थित होने से पूर्व निस्तारित किए गए.
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प्रिलिटिगेशन के मामलों में कुल 77 लाख 63 हजार 16 रुपए का अधिनिर्णय पारित किया गया. पारिवारिक लोक अदालत में कई ऐसे जोड़ों को फिर से मिलाया गया जो लंबे समय से छोटी-छोटी बातों को लेकर अलग रह रहे थे. इन जोड़ों ने कोर्ट रूम में एक बार फिर एक दूसरे को वरमाला पहना कर नए जीवन की शुरू किया.
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सेशन न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास ने बताया कि लोक अदालत न्याय की वह अदालत है. जिसके फैसले को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है. यहां जिस मामले का निस्तारण होता है, उसके बाद उसका अंत हो जाता है. ऐसे में लोक अदालत की नेता लगातार बढ़ रही है. लोक अदालत के माध्यम से अब विवाद खत्म होने से परिवार भी जुड़ने लगे है.
ओसियां में वर्ष कि पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन
जोधपुर के ओसियां में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में वर्ष 2020 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन सिविल न्यायाधीश सिद्बार्थ सांदू कि अध्यक्षता में किया गया.