जोधपुर. कोरोना की नई गाइडलाइन के तहत 21 सितंबर सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खुल गए. हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया था कि स्कूल आने वाला बच्चा अपने अभिभावक की मंजूरी के साथ ही स्कूल आएगा. शहर में सरकारी स्कूल लगभग सारे खुल गए, लेकिन वहां बच्चों की कमी नजर आई.
कोरोना के बीच खुले स्कूल, पर नहीं आ रहे ज्यादा बच्चें बता दें कि गांधी विद्यालय में इक्का दुक्का छात्र अपने अभिभावकों की सहमति पत्र के साथ पहुंचे. गांधी विद्यालय की प्रिंसिपल प्रतिभा शर्मा ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों के लिए सहमति पत्र ग्रुप्स में भेजा था. आज पहले दिन बच्चों की संख्या काफी कम है. धीरे-धीरे मोटिवेशन के बाद बच्चे आने लगेंगे. हमने गाइडलाइन के मुताबिक पूरे स्कूल को सैनिटाइज करवाया है. साथ ही कोरोना से बचाने के लिए सभी तरह की व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि स्कूल आने वाले बच्चों के सहमति पत्र की पहले जांच की गई. उसके बाद उन्हें प्रवेश दिया गया. वहीं, लंबे समय बाद स्कूल आए छात्रों का कहना था कि इतने दिनों तक घर पर ही बैठ कर पढ़ाई करते रहे, लेकिन जो मजा क्लास में बैठने का है वो घर पर नहीं है. अब टीचर से सीधे अपने डाउट क्लियर कर सकेंगे और धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगेगी.
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गौरतलब है कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक सोमवार से लगभग सभी स्कूल खुल गए, लेकिन सभी जगह पर बच्चों की कमी थी. ऐसा माना जा रहा है कि जिस गति से जोधपुर में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.