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Prone Positioning : कोरोना मरीजों के लिए कितना मददगार है ये नुस्खा, जानें क्या है इसकी विधि - jodhpur news

यदि किसी मरीज को सांस लेने में परेशानी आ रही हो या फिर उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो, तो प्रोनिंग के जरिए उसे राहत मिल सकती है. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी घरेलू नुस्खे सुझाए हैं. इसे लेकर जोधपुर में एक अहम पहल की जा रही है. 'प्राणवायु' व्यर्थ नहीं जाए, इसलिए हर पलंग पर निर्देश लगाए जा रहे हैं. प्रोन पोजिशन में लेटने की विधि भी प्रचारित की जा रही है. प्रोनिंग क्या है, ये जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

methods for proning position
प्रोनिंग के जरिए बढ़ाएं ऑक्सीजन लेवल

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Published : Apr 29, 2021, 7:51 AM IST

Updated : Apr 29, 2021, 12:35 PM IST

जोधपुर.शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन के सही उपयोग की जानकारी देने के लिए जिला कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम उत्तर के द्वारा अस्पतालों के सभी बेड पर ऑक्सीजन के उपयोग संबंधी गाइडलाइन के स्टीकर लगाए जा रहे हैं. इस स्टीकर पर ऑक्सीजन का उपयोग किस तरह से करना है, आवश्यकता नहीं होने पर ऑक्सीजन नोब को कैसे बंद करना है, इसके संबंध में जानकारी दी गई है.

ऑक्सीजन व्यर्थ नहीं जाए, इसलिए लगाए जा रहे निर्देश...

साथ ही ऑक्सीजन लेवल अधिक या कम होने पर प्रोन पोजिशन पर लेटने की सलाह दी गई है. प्रोन पोजिशन में किस तरह लेटा जा सकता है, इस स्टीकर पर जानकारी दी गई है. आयोग तोमर ने बताया कि वर्तमान के इस संकट के दौर में ऑक्सीजन का बहुत सावधानी पूर्वक उपयोगी करना आवश्यक है, ताकि जरूरतमंदों को समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके. आयुक्त उत्तर रोहिताश्व तोमर ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते सभी अस्पतालों में मरीजों का अत्यधिक भार है और जिला प्रशासन सभी मरीजों के उपचार की व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है.

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बढ़ते मरीजों के भार के चलते ऑक्सीजन की व्यवस्था करना काफी चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में कोविड-19 वार्ड भर्ती मरीजों और उनके परिजनों द्वारा ऑक्सीजन का सही रूप से उपयोग करे इसको जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने ऑक्सीजन के उपयोग के लिए गाइडलाइन संबंधी स्टीकर लगवाने के निर्देश दिए गए है.

प्रोन पोजिशन में लेटने की विधि का प्रचार...

ऑक्सीजन बचाने के इस निर्देश के साथ-साथ प्रोन पोजिशन में लेटने के निर्देश भी विस्तृत रूप से समझाए गए हैं. इसके अलावा यह जानकारी भी प्रसारित की जा रही है कि 90 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल होने तक प्रोन पोजिशन में लेटने से फेंफड़ों तक आसानी से ऑक्सीजन पहुंचती है.

प्रोनिंग क्या है...

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्रोनिंग मरीज को पीठ से पेट के बल सटीक और सुरक्षित गति के साथ मोड़ने की प्रक्रिया है. सांस लेने में आराम और बेहतर ऑक्सीजनेशन के लिए प्रोनिंग की मेडिकल स्वीकार्यता है. होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड 19 मरीजों के लिए यह बेहद फायदेमंद है.

प्रोनिंग के बारे में जानिए...

प्रोनिंग से क्या फायदा...

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रोन पोजिशनिंग से वेंटिलेशन में सुधार होता है, एल्वोलर इकाइयां खुली रहती हैं और सांस लेना आसान होता है. जब मरीज को सांस लेने में कठिनाई महसूस हो और SpO2 घटकर 94 से कम हो जाए, तभी प्रोनिंग की आवश्यकता होती है. होम आइसोलेशन के दौरान तापमान, रक्तचाप और शुगर जैसे अन्य संकेतों के साथ, SpO2 की नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है. समय पर प्रोनिंग और अच्छे वेंटिलेशन को बनाए रखने से कई लोगों की जान बच सकती है.

प्रोनिंग करने का तरीका...

प्रोनिंग कैसे करें...

प्रोनिंग के लिए आपको 4-5 तकियों की आवश्यकता होगी. गर्दन के नीचे एक तकिया रखें. ऊपरी जांघों से छाती के नीचे बीच में एक तकिया रखें. इसके अलावा पिंडली के नीचे दो तकिए रखें. प्रोनिंग की स्थिति में लगातार बदलाव करें. एक स्थिति में 30 मिनट से अधिक समय नहीं बिताना चाहिए. अगर किसी को कोई हार्ट प्रॉब्लम है, महिलाएं यदि गर्भवती हैं, अगर रीढ़ या पेल्विक की कोई परेशानी है, तो प्रोनिंग नहीं करना चाहिए.

प्रोनिंग पोजिशन...

प्रोनिंग के दौरान सावधानी...

खाना खाने के बाद एक घंटे तक प्रोनिंग करने से बचें. जितनी देर तक आसानी से रह सकें, उतनी देर के लिए ही प्रोनिंग करें. आरामदायक महसूस होने पर, एक दिन में कई बार में 16 घंटे तक प्रोनिंग कर सकते हैं. तकिए को दबाव क्षेत्रों को बदलने और आराम के लिए थोड़ा एडजस्ट किया जा सकता है.स्वास्थ्य मंत्रालय के ये घरेलू नुस्के किसी मरीज की जान बचाने में सहायक हो सकते हैं.

Last Updated : Apr 29, 2021, 12:35 PM IST

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