जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. रविंद्र भट्ट एवं न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने बुधवार को एक बड़ा फैसला देते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति आरपी सिंह के चयन को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए आरपी सिंह को कुलपति का कार्य करने के आदेश दिए हैं. करीब एक साल बाद कुलपति आरपी सिंह को वापस पद मिलेगा.
11 अक्टूबर 2018 को राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने ही आरपी सिंह के कार्यमुक्त करते हुए काम पर रोक लगा दी थी. बाद में हर सुनवाई में यह बढ़ाई गई, लेकिन बुधवार के निर्णय से महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में लंबे समय से चल रही कुलपति की कमी पूरी हो पाएगी. कुलपति प्रो. आरपी सिंह के चयन को याचिकाकर्ता लक्ष्मीनारायण बैरवा ने चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. जिसमे कहा गया था कि कुलपति स्तर के पद के लिए यूजीसी की ओर से जारी की गाइडलाइन में संशोधन नहीं किया जा सकता है.