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Jodhpur HC Verdict: मां के निधन पर कैदी को नहीं दी आकस्मिक पैरोल, कोर्ट ने कलेक्टर को नसीहत दे छोड़ा

याचिकाकर्ता ने बताया कि 10 जनवरी को उसकी मां का निधन हुआ और अंतिम संस्कार सहित अन्य कार्यक्रम के लिए आकस्मिक पैरोल के लिए आवेदन (Jodhpur HC Verdict) किया था. जिसे जिला कलेक्टर (Jodhpur HC Questions Ajmer Collector) को तत्काल तय करना था लेकिन चार माह बाद 12 मई को खारिज कर दिया गया. इसी पर कोर्ट की ओर से नसीहत भरी हिदायत दी गई.

Jodhpur HC Verdict
कोर्ट ने कलेक्टर को नसीहत दे छोड़ा

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Published : May 19, 2022, 7:31 AM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में एक आकस्मिक पैरोल याचिका पर सुनवाई हुई. जिला कलेक्टर अजमेर की ओर से बगैर शर्त माफीनामे के साथ स्पष्टीकरण पेश किया गया. कोर्ट ने कलेक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को अंजाम न देते हुए हिदायत देकर छोड़ (Jodhpur High court leave Collector With advise) दिया. कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर अभी 32 वर्षीय युवा है और अनुभव की कमी है इसीलिए भविष्य में सावधानी बरतें. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में सम्पतलाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई.

याचिका में बताया गया कि 10 जनवरी को उसकी मां का निधन हुआ और अंतिम संस्कार सहित अन्य कार्यक्रम के लिए आकस्मिक पैरोल के लिए आवेदन किया गया. जिसे जिला कलेक्टर को तत्काल तय करना था लेकिन चार माह बाद 12 मई को खारिज कर दिया गया. इस पर कोर्ट ने पिछली सुनवाई (Jodhpur HC Verdict) पर जिला कलेक्टर को स्पष्टीकरण पेश करने के लिए कहा था कि-क्यों नही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए (Jodhpur HC Questions Ajmer Collector) क्योकि वे कानून सम्मत कार्य करने में विफल रहे हैं?

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बुधवार को सुनवाई के दौरान एएजी अनिल जोशी ने जिला कलेक्टर अजमेर का लिखित में स्पष्टीकरण पेश करते हुए बिना शर्त माफीनामा भी दिया. जिसमें बताया गया कि पन्द्रह दिन की आकस्मिक पैरोल का आवेदन था इसीलिए उसे नियमानुसार तय करने में देरी हो गई. इसी बीच याचिकाकर्ता के दो भाई ओर थे जो अपनी मां के अंतिम संस्कार और अन्य धार्मिक रीति रिवाज से कार्यक्रम करने में सक्षम थे. उन्होने बंदी को पैरोल देने पर असहमति जताई थी. ऐसे में कोर्ट ने जिला कलेक्टर को हिदायत देकर छोड़ दिया. अब बंदी की मां के निधन को भी चार माह हो चुके हैं और कोई कार्यक्रम शेष नही होने की वजह से आकस्मिक पैरोल याचिका भी खारिज कर दी.

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