जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने कहा कि ई-मित्र द्वारा कम अंक अपलोड करने के कारण नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती में वंचित रही याचिकाकर्ता के दिसंबर के दूसरे सप्ताह में दस्तावेज सत्यापन कर मेरिट के अनुसार शुक्रवार से 60 दिन में नियुक्ति देने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि गलती करना मानवीय है और क्षमा करना ईश्वरीय है.
इसलिए बेरोजगार युवाओं के मामले में सरकार को अनजाने में की गई त्रुटी के मामले में सरकार को क्षमा करने की सह्रदयता दिखानी चाहिए. याचिकाकर्ता सुमन इनाणिया की ओर से उच्च न्यायालय में अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती के लिए 6035 पोस्ट के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में आवेदन किया था. याचिकाकर्ता ने अपना आवेदन 25 जून 2018 को ई-मित्र के जरिये अपलोड किया गया.