जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान में पिछले 9 महीने से लगातार टिड्डियों का आक्रमण जारी है. टिड्डी दल के आक्रमण से रबी की फसल को बहुत नुकसान हुआ. खासतौर पर जो पिंक हॉपर्स आए हैं, उससे बहुत नुकसान हो रहा है. बाड़मेर के चौहटन मंगलवार रात एक टिड्डी दल का अटैक हुआ है, जिस पर कार्रवाई चल रही है.
जोधपुर टिड्डी नियंत्रक विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि 4 दिसंबर से पहले जब भी पाकिस्तान से मीटिंग हुई तो उनका कहना था कि स्थिति नियंत्रण में है. लेकिन 15 दिसंबर को जिस तरीके से टिड्डियों का आक्रमण हुआ, इसकी जानकारी पाकिस्तान से नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा.
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जोधपुर के टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक केएल गुर्जर के अनुसार सर्दियों से पहले टिड्डियां खेतों में बैठा करती है, जिनका सफाया हमने किया. सर्दियों में चिड़िया पेड़ों पर बैठती है ऐसे में थोड़ी दिक्कत आई, लेकिन स्प्रे कर इस पर भी नियंत्रण पाया है. गुर्जर ने बताया कि बदलते समय के साथ अगर हमें ड्रोन से स्प्रे करने की सुविधा मिले तो हम इस पर और ज्यादा कठोर नियंत्रण कर सकते हैं. इसके अलावा हेलीकॉप्टर से इस पर करने के लिए भी किट मंगवा रहे हैं. हम चाहते हैं सरकार हमें उन्नत तकनीक उपलब्ध कराएं.
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टिड्डी चेतावनी संगठन के उपनिदेशक ने बताया, कि मई-2019 से अब तक 9 महीने में करीब 1500 से 2 हजार दल आए हैं. लेकिन इसके बावजूद विभाग के कर्मचारियों ने किसानों और प्रशासनिक सहयोग से बहुत हद तक इन पर नियंत्रण पा लिया है. गुर्जर ने बताया, कि रबी की फसल को बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति में जोधपुर जिले में देचू और शेरगढ़ में एक-दो जगह पर होपर्स हैं, इसके अलावा बाड़मेर के चौहटन में मंगलवार रात को एक दल आया है, जिस पर कार्रवाई चल रही है.