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Special: 'नूरी वीजा' पर पाकिस्तान गई 'जनता' अब भारत वापसी की लगा रही गुहार - women go pakistan through noori visa

अपनी मां से मिलने पाकिस्तान गई जनता अब भारत वापस नहीं आ पा रही है. नागरिकता के अभाव में नूरी वीजा पर पाकिस्तान गई थी. जनता के पति और बच्चे तो भारत आ गए, लेकिन उसे बॉर्डर पर रोक लिया गया. अधिकारियों ने उससे कहा कि भारत सरकार ने अभी नूरी वीजा वालों के लिए कोई आदेश नहीं दिए हैं. ऐसे में वह भारत नहीं जा सकती. वहीं, अब जनता ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

Jodhpur woman trap in Pakistan, Noori Visa
नूरी वीजा पर पाकिस्तान गई जनता

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Published : Jul 7, 2020, 10:53 PM IST

जोधपुर. भारत में 14 साल से नागरिकता का इंतजार कर रही एक बेटी की पाकिस्तान में रह रही मां की तबीयत खराब हुई, तो वह नूरी वीजा पर मां से मिलने पाकिस्तान गई. लेकिन वहां से भारत वापस लौटना अब उसके हाथ में नहीं है. आलम ये है कि उसके साथ गए परिवार के सदस्यों को उसके बिना ही वापस लौटना पड़ा.

नूरी वीजा पर पाकिस्तान गई जनता

जोधपुर के बासनी तंबोलिया निवासी इस परिवार के मुखिया अपनी पत्नी और बच्चे के साथ अपनी मां को वापस भारत लाने के लिए सरकार से गुहार कर रहे है. दरसअल लीलाराम जो खुद मूल रुप से पाकिस्तानी थे, उनका विवाह 2007 में पाकिस्तान के मीरपुर खास निवासी जनता से हुआ था. वह जनता को भारत ले आए लेकिन 14 साल से उसको अभी नागरिकता नहीं मिली है. सभी तरह की कागजी कार्रवाई भी पूरी हो गई, लेकिन अभी भी नागरिकता मिलने का इंतजार है.

नागरिकता के अभाव में जनता का भारत का पासपोर्ट नहीं बना. ऐसे में भारत सरकार ने जनता को नूरी वीजा पर पाकिस्तान जाने के लिए 60 दिन की अनुमति दी. जबकि भारतीय पासपोर्ट के साथ लीलाराम और उसके बच्चों को पाकिस्तान ने 30 दिन का वीजा जारी किया. 19 मार्च को परिवार लाहौर पहुंचा भारत जाने के लिए, लेकिन उस समय बॉर्डर बंद हो गया.

अपने परिवार के साथ जनता

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ऐसे में उन्हें वापस मीरपुर खास जाना पड़ा. बाद में पाकिस्तान ने लीलाराम और उसके बच्चों की वीजा अवधि बढ़ा दी. लेकिन नूरी वीजा भारत सरकार ने जारी किया था तो भारतीय दूतावास को इसकी अवधि बढ़ानी थी, जो नहीं बढाई गई. 27 जून को वाघा बॉर्डर पर परिवार भारत में प्रवेश के लिए पहुंचा, तो जनता के अलावा सभी के नाम लिस्ट में थे. अधिकारियों ने बताया कि नूरी वीजा वालों के लिए अभी भारत सरकार ने फैसला नहीं लिया है. जिसके बिना पाक स्थित भारतीय दूतावास अनुमति नहीं दे सकता.

चूंकी लीलाराम और उसके बच्चों की वीजा की अवधि भी समाप्त हो रही थी. ऐसे में वह भारी मन से पत्नी को पाकिस्तान में छोड़कर अमृतसर पहुंचा. जहां सात दिन क्वॉरेंटाइन रखा गया और 5 जुलाई को जोधपुर पहुंचने पर उसने अपनी आप बीती बताई. उधर, पाकिस्तान में रह रही जनता भी परेशान है. उसने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि उसे जल्द से जल्द वापस आने की अनुमति दी जाए.

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पत्नी को नागरिकता का इंतजार

पाक विस्थापित लीलाराम को 2005 में भारतीय नागरिकता मिल चुकी है. 2007 में उसने पाकिस्तान जाकर ही जनता से विवाह किया और उसे भारत लेकर आया. नागरिकता का आवेदन किया लेकिन जनता को अभी तक नागरिकता नहीं मिली. लीलाराम की पत्नी पिछले 12 सालों से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में रह रही है.

जनता का पासपोर्ट

क्या होता है नूरी वीजा

भारत में लॉन्ग टर्म वीजा पर रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेश नागरिकों के लिए भारत सरकार नोट ऑब्जेक्शन रिटर्न टू इंडिया (नूरी) सर्टिफिकेट जिसे नूरी वीजा कहा जाता है, जारी करती है. लीलाराम की पत्नी जनता को भारत सरकार की ओर से नोट ऑब्जेक्शन रिटर्न टू इंडिया (नूरी) सर्टिफिकेट के जरिए पाकिस्तान जाने की अनुमति दी गई. नूरी वीजा अधिकतम 90 दिन के लिए जारी होता है. ये वीजा जनता के लिए साठ दिन का जारी हुआ था, जिसे आगे नहीं बढ़ाया गया.

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