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जोधपुर नगर निगम चुनाव 2020: कहीं सोच समझ कर वोट देने की अपील तो कहीं No Work No Vote का संदेश - Jodhpur voters

जोधपुर नगर निगम चुनाव (Jodhpur Municipal Corporation Election 2020) में आमजन अपने मताधिकार को लेकर खासा सजग है. खास तौर से भीतरी शहर के लोगों ने काम नहीं करने वाले पार्षदों से दूरी बनाने का फैसला कर लिया है. यहां आमजन का कहना है कि ऐसे लोग चुनने है जो कुछ कर सके अन्यथा नोटा को विकल्प चुना जाएगा.

जोधपुर नगर निगम चुनाव 2020, No Work No Vote in jodhpur
जोधपुरवासी नोटा दबाने के मूड में

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Published : Oct 28, 2020, 3:04 PM IST

जोधपुर. सामान्य नागरिक को आधारभूत सुविधाएं मिलती रहे, इसके लिए नगर निगम चुनाव के जरिए प्रतिनिधि को चुनने के मौका मिलता है. जिसमें सफाई, सिवरेज, सार्वजनिक रोशनी जैसे सुविधाएं महत्वपूर्ण हैं लेकिन इन चुनावों में भी जीतने के बाद पार्षद लोगों को इन सुविधाओं से महरूम रखते हैं. ऐसे में इस बार जोधपुर की जनता इस बार अपने अधिकारों को लेकर सजग है.

जोधपुरवासियों का No Work No Vote मूड

इस बार जोधपुर में नगर निगम चुनाव को लेकर मतदाताओं ने ठान लिया है कि जिन नेताओं ने काम नहीं किए करवाएं उन्हें वोट नहीं दिया जाए. बता दें कि भीतरी शहर की तंग गलियों में निवासी सफाई को लेकर परेशान हैं क्योंकि तंग गलियों का सिवेरज सिस्टम कारगर नहीं है.

जोधपुरवासी नोटा दबाने के मूड में

हर साल इसको लेकर काम होते हैं लेकिन सफल नहीं होते हैं. जिससे एक तरफ सरकार पैसा भी व्यर्थ जा रहा है और लोग भी परेशान हो रहे हैं. भीतरी शहर के लोगों ने ठान लिया है कि काम नहीं करने पर अपने वोट के अधिकार को इस्तेमाल कर बताएंगे कि जनता की ताकत क्या होती है.

गीता गली में लगे बैनर

गलियों में नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते बैनर आ रहे नजर

भीतरी शहर के निवासी समाजसेवी आंनद बोडा ने गलियों में ऐसे बैनर लागए हैं, जिन पर नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान उठाए गए हैं. आंनद बोडा का मानना है कि यहां कोई भी काम नियम से नहीं हो रहा है. सालों से क्षेत्र की हालत जस की तस है. ऐसे में आगे क्या होगा इसके लिए हमें सोचना चाहिए. ऐसे आदमी को चुनना होगा जो जनता का भला कर सके.

गीता गलीवासी कई सालों से परेशान

इसी तरह से भीतरी शहर में ही गीता गली के लोग बरसों की उपेक्षा से परेशान हो चुक हैं. इस संकरी गली में 40 से 50 परिवार रहते हैं, जो तीन दशक से अधिक समय से सफाई और सिवरेज की समस्या से जूझ रहे हैं. ये लोग खुद ही गली में सफाई करते हैं.

काम नहीं वोट नहीं का बन रहा मानस

गीता गली के निवासियों का आरोप है कि नगर निगम के मार्फत स्थानीय पार्षद जो भी चुनकर गया, उसने कुछ नहीं करवाया है. इसके लिए गली के मुहाने पर ही बैनर गला दिया है कि किसी भी पार्टी के पार्षद ने कुछ काम इस गली के लिए करवाया है तो ही वोट मांगने आए. गली के निवासियों ने इस बार नोटा का विकल्प चुनने का निर्णय लिया है.

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जोधपुर हो रहे नगर निगम चुनाव में आमजन अपने मतधिकार को लेकर खासा सजग है. खास तौर से भीतरी शहर जहां तंग गलियों में लोग आए दिन परेशानियों से जूझते रहते हैं. वे अब मुखर हो रहे हैं.

भीतरी शहर निवासी समाजसेवी आंनद बोडा ने लोगों को किन मुद्दों को ध्यान रखकर वोट देना है इसके बैनर तक लगा दिए हैं. बोडा खुद कहते हैं कि हमें ऐसे लोग चुनने हैं, जो कुछ कर सके सिर्फ अपना पेट भरने वालों से दूरी बनानी है. अन्यथा नोटा को विकल्प चुनना चाहिए.

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