जोधपुर. गुरु गणपति (यहां गुरू गणपति) प्रेमियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं. तभी तो भीतरी शहर के आडा बाजार जूनी मंडी गली स्थित इस मंदिर को इश्किया गजानन (Jodhpur Ishkiya Gajanan Temple) कहा जाता है. मान्यता है कि यहां प्रेमियों की मनोकामना पूरी होती है. जिनकी शादी नहीं होती है वे यहां धोक लगाते हैं और जिनकी शादी हो जाती है वो हमेशा गुरु आशीर्वाद बनाए रखने के लिए यहां शीश झुकाते हैं.
कैसे बने गुरु 'इश्किया'?: गुरु गणपति को इश्किया गजानन बने ज्यादा वक्त नहीं बीता. रहवासी बताते हैं करीब चार दशक पहले एक प्रेमी यहां आया, इच्छानुसार शादी की मन्नत मांगी वो पूरी हो गई. इसके बाद ही सिलसिला चल पड़ा और गुरु गणपति लोकप्रिय हो गए इश्किया गजानन के नाम से. अब तो यहां प्रेमी युगल का तांता सा लगा रहता है. आस्था ऐसी कि प्रेम पुजारी यहां नियमित तौर पर आते हैं. बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की तादाद अच्छी खासी होती है.
कुल मिलाकर मंदिर में हर दिन भीड़ रहती हैं, लेकिन गणेश चतुर्थी से दस दिनों तक यहां मेला सा लगा रहता है. मान्यता है कि यहां आकर बप्पा के चरणों में शीष झुका कर मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती हैं और कोई खाली हाथ नहीं लौटता.
ऐसे होती है मनचाही इच्छा पूर्ण:इश्किया गजानन मंदिर में उन लोगों की मुरादें भी पूरी होती हैं जिनकी शादी में बाधा आ रही हो या रिश्ते जल्दी नहीं जुड़ पाते. यहां बुधवार को आकर बप्पा को लाल सिंदूर और दूर्वा चढ़ाने से विवाह भी जल्दी तय हो जाता है. इतना ही नहीं यदि प्रेम विवाह करने वाले जोड़े साथ आकर पूजा करें तो बप्पा उनकी जोड़ी जरूर बना देते हैं. मंदिर में केवल प्रेमी जोड़े ही नहीं आते बल्कि वे लोग भी आते हैं जिनके वैवाहिक जीवन में अड़चन या परेशानी हो.
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