जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से सैनिक की शिक्षिक पत्नी के ट्रांसफर के संबंध में निदेशालय माध्यमिक शिक्षा विभाग के लापरवाही बरतने को गंभीरता से लेते हुए विभाग के निदेशक को 1 अगस्त को तलब किया है. न्यायाधीश अरुण भंसाली की अदालत में बाड़मेर में पदस्थापित शिक्षिका सुनीता पायल की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि वह 2007 से निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के अंतर्गत तृतीय श्रेणी अध्यापक के रूप में बाड़मेर में अपनी सेवाएं दे रही है. उसका पति सियाचिन ग्लेशियर में तैनात है. ससुराल झुंझुनू में हैं. जहां उसके साथ ससुर वृद्ध है और गंभीर बीमारी से पीड़ित है. ऐसे में उसका तबादला झुंझुनू किया जाए.
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याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता रामदेव पोटलिया ने कहा कि 2018 में विभाग को स्थानांतरण के लिए प्रतिवेदन दिया था. लेकिन उस पर विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की. इस बीच शिक्षिका का सेटअप परिवर्तन कर उसे माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत लगा दिया गया. गत वर्ष अप्रैल में ही में सरकार ने हजारों की संख्या में तबादले किए. लेकिन, शिक्षा का के तबादले के प्रतिवेदन पर विचार नहीं किया गया. इसको लेकर उच्च न्यायालय ने भी एक आदेश इस वर्ष फरवरी में विभाग को दिया था कि वह शिक्षिका के प्रतिवेदन को निस्तारित करें.
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अदालत के इस आदेश के बाद विभाग ने शिक्षिका के प्रतिवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि तबादला करना संभव नहीं है. इससे बड़ा बदलाव करना पड़ेगा. विभाग के निदेशक द्वारा दिए गए जवाब से नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस अरुण भंसाली ने इसे विभाग का गैर जिम्मेदाराना कृत्य बताया एवं अधिकारी की हठधर्मिता भी करार दिया. इसको लेकर अदालत ने आदेश दिया कि या तो 1 अगस्त से पहले विभाग के निदेशक शिक्षिका के स्थानांतरित प्रतिवेदन का निस्तारण करें, अन्यथा वह स्वयं 1 अगस्त को अदालत में हाजिर पेश होना पड़ेगा.