जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने चूरू में स्थित तालछापर अभयारण्य (High Court On tal chhapar wildlife sanctuary) के लिए आरएस मेहरोत्रा को विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त करते हुए अगली सुनवाई पर उन्हें वीसी के जरिए पक्ष रखने के लिए कहा है. कोर्ट ने तालछापर अभयारण्य ईको सेंसिटिव जोन को कम करने की तैयारी को लेकर गंभीरता दिखाते हुए स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर की थी.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ (Jodhpur Bench Of Rajasthan High Court) में इस मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता रितुराज सिंह राठौड़ ने एक विशेषज्ञ के रूप में रिटायर्ड मुख्य वन्यजीव वार्डन आरएन मेहरोत्रा का नाम सुझाया ताकि इसमें ओर अधिक उचित शोध किया जा सके. इस पर कोर्ट ने अपनी मंजूरी दी. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर मेहरोत्रा को पक्ष रखने के लिए कहा है.
कोर्ट ने एएजी संदीप शाह को तालछापर अभयारण्य को लेकर पूर्व में प्रस्तावित और पारित सभी अधिसूचनाओं को रिकॉर्ड पर पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि जसवंतगढ़ वन क्षेत्र को तालछापर आरक्षित वन से जोड़ने को लेकर भी संभावना तलाशी जाए और बफर जोन बढ़ाने के लिए प्रयास करें. इसको लेकर भी सरकार से हलफनामा मांगा है.
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गौरतलब है कि तालछापर अभयारण्य में 820 हेक्टेयर में अभी 3500 काले हिरण विचरण करते हैं जिनके लिए एरिया बढ़ाने के बजाए ईको सेंसिटिव जोन घटाकर 03 किलोमीटर करने की तैयारी चल रही है. इसको लेकर केन्द्र सरकार को जल्द प्रपोजल भेजा जाएगा. इसके पीछे मकसद डूंगर बालाजी की पहाड़ियों में खनन मंजूरी देना है. इस प्रपोजल के विरोधियों को तर्क है कि यदि ऐसा हुआ तो माइनिंग के धमाकों से काले हिरणों की जान भी जा सकती है. कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए याचिका दायर कर नोटिस जारी किया था.