राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जेएनवीयू से राजनीति का ककहरा सीख प्रदेश की राजनीति के सिरमौर बने ये नेता... - Rajasthan hindi news

प्रदेश की राजनीति में आज बड़े नेताओं में शुमार तमाम मंत्रियों ने कभी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (student union election jnvu) से ही अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की थी. छात्रसंघ चुनाव से ही राजनीति का ककहरा सीखकर उन्होंने देश और प्रदेश की राजनीति में कदम रखा था. प्रदेश के कई दिग्गज नेता जेएनवीयू से ही राजनीतिक सफर की शुरुआत कर आज प्रदेश की राजनीति के सिरमौर बने हैं.

Rajasthan polictics
Rajasthan polictics

By

Published : Aug 4, 2022, 9:58 PM IST

Updated : Aug 4, 2022, 10:27 PM IST

जोधपुर. राजनीति के अखाडे़ में उतरने वालों के लिए छात्रसंघ चुनाव पहली सीढ़ी मानी जाती है. छात्रसंघ से राजनीति (student union election jnvu) की शुरुआत करने वालों की अलग ही पहचान होती है क्योंकि छात्र राजनीति का ककहरा कुछ अलग ही गुर सिखाता है. जोधपुर की छात्र राजनीति के धुरंधर आज भी देश की राजनीति में अपना डंका बजवा रहे हैं. अब दो वर्ष बाद एक बार फिर प्रदेश में छात्र संघ चुनाव होने जा रहा है तो छात्र राजनीति चर्चा में आ गई है. छात्र राजनीति ने इस प्रदेश और देश को कई बड़े नेता दिए हैं.

जोधुपर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव लड़कर राजनीति के क्षेत्र में उतरने वालों की फेहरिस्त लंबी है. इनमें हारने और जीतने वाले दोनों ने अपना मुकाम बनाया है. इनमें बड़ा नाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का है. 1995 में यहां छात्रसंघ अध्यक्ष बने बाबूसिंह राठौड़ के बाद कोई भी अध्यक्ष राजनीति में आगे नहीं बढ़ा है. अब पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी राजनीति की पारी खेलने को तैयार हैं, लेकिन परिणाम भविष्य के गर्भ में छुपे हैं.

दाएं से तीसरे शेखावत (फाइल फोटो)

पढ़ें.Rajasthan Student Union: छात्रसंघ चुनाव की तैयारियां, प्रवेश और परिणाम को लेकर असमंजस में छात्र नेता

हार से शुरुआत कर अशोक गहलोत प्रदेश के मुखिया के पद पर पहुंचे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. 1973-74 के छात्रसंघ के चुनाव से अशोक गहलोत ने अपनी राजनीतिक पारी शुरुआत की और अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरे, लेकिन पन्नेसिंह रातड़ी ने उन्हें हरा दिया. गहालोत इससे निराश नहीं हुए. वे राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रहे. 1977 में सरदारपुरा विधानसभा से एमएलए का चुनाव लड़ा लेकिन बहुत कम अंतर से माधवसिंह के चुनाव हार गए लेकिन तीन साल बाद ही उन्हें 1980 में लोकसभा का पहला चुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री बने. उसके बाद लगातार चुनाव जीते लेकिन 9वीं लोकसभा के चुनाव में जसवंतसिंह जसोल ने उन्हें हरा दिया. अशोक गहलोत जीवन में तीन बार चुनाव हारे हैं. इनमें सबसे पहले छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव हारे और उसके बाद विधायक का पहला चुनाव हारे थे. इसके बाद सांसद का भी एक बार चुनाव हारे हैं. गहलोत पांच बार सांसद रहे चुके हैं और वर्तमान में पांचवी बार विधायक हैं.

शेखावत की भी शुरुआत हार से हुई
जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद सफल राजनेता के रूप में अशोक गहलोत के बाद में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आता है. 1992 में शेखावत जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अध्यक्ष बने थे, लेकिन इससे ठीक एक साल पहले इसी चुनाव में पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने उन्हें हरा दिया था. शेखावत ने फिर चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद भी वे अपने व्यवसाय से जुड़े रहे और संघ से जुडे़ संगठनों से जुड़े रहे. 2014 में पहली बार सांसद का चुनाव लड़ा और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एवं जोधपुर राजपरिवार की बेटी चंद्रेश कुमारी को बडे़ अंतर हराया और केंद्र में राज्यमंत्री बने. इसके बाद 2019 में उन्होंने अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को भी बडे़ अंतर से हराया. इस बार मोदी सरकार में उन्हें सीधे कैबिनेट मंत्री बनाया गया. शेखावत राजस्थान में अब भाजपा का बड़ चेहरा बन चुके हैं.

पढ़ें.Rajasthan Student Union: प्रदेश में छात्र संघ चुनाव का शंखनाद, 26 अगस्त को होगा मतदान

चौधरी बने मंत्री, राठौड़ तीन बार विधायक
वर्ष 1991 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव जीतने वाले बाड़मेर के हरीश चौधरी 2009 सांसद बने थे. 2018 में बायतू से विधायक निर्वाचित होने के बाद अशोक गहलोत सरकार में वह राजस्वमंत्री बने. कांग्रेस की ओर से उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाने के बाद उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया. इसी तरह से 1995 में जयरायण व्यास विश्वविद्यालय का अध्यक्ष बनने वाले बाबूसिंह राठौड़ 2003 में शेरगढ़ से भाजपा के विधायक चुने गए. 2018 तक विधायक रहने के बाद चौथा चुनाव वह मीना कंवर से हार गए. 1989 में छात्र संघ अध्यक्ष बने जालमसिंह रावलोत भी विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा मेघराज लोहिया को राज्यमंत्री का एकबार दर्जा मिला है.

Last Updated : Aug 4, 2022, 10:27 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details