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IT Raid in Jodhpur: 150 करोड़ की अवैध संपत्ति मिली, कई चौंकाने वाले तथ्य आए सामने - जोधपुर में आयकर विभाग की कार्रवाई

जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट और प्रॉपर्टी से जुड़े व्यवसाई के यहां चल रही आईटी रेड 5 दिन में पूरी (IT Raid in Jodhpur) हो गई. पांच दिनों तक चलने वाली रेड में टीम को करीब 150 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध संपत्ति मिली है. साथ ही टीम ने करीब 15 किलो ज्वेलरी भी सीज किया है.

IT Raid in Jodhpur
IT Raid in Jodhpur

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Published : Jun 21, 2022, 8:45 AM IST

जोधपुर.शहर के एक नामी हैंडीक्राफ्ट और प्रॉपर्टी से जुड़े व्यवसाई और उससे जुड़े लोगों पर हुई आईटी रेड पांच दिन में पूरी (IT Raid in Jodhpur) हो गई. इस रेड से आयकर विभाग को 50 से 60 करोड़ की पेनल्टी मिलने की उम्मीद है. विभाग की टीमों ने कुल 28 जगह रेड की थी, जिसमें अब 150 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति मिली है. टीम ने करीब 15 किलो ज्वैलरी भी सीज की है.

आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के अतिरिक्त निदेशक करणी दान के निर्देशक और उपनिदेशक इन्वेस्टिगेशन प्रेरणा चौधरी के अगुवाई में हुई इस कार्रवाई में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. हैंडीक्राफ्ट व्यवसाई के आर्टिजन मोटे मुनाफे में विदेशियों को बेचे जाते हैं. इस मुनाफे को खर्च में एडजस्ट करने के लिए बुलियन और ज्वेलर्स से बोगस बिल लिए गए. साथ ही बिल के माध्यम से एंट्री घुमाना सामने आया है.

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जमीनें इतनी कि लैंड बैंक बन गया- रेड में व्यवसाई के पास बड़ी संख्या में जमीनों की रजिस्ट्री मिली है. पता चला है कि किसी डेवलपर को फाइनेंस देने से पहले व्यवसाई अपने या अपने परिवार के सदस्य के नाम रजिस्ट्री करवाता है. इस पर 50 से 75 फीसदी रकम देता है. उस राशि के लिए डेवलपर को ब्याज देना होता है. जमीन के नहीं बिकने की स्थिति में और ब्याज की राशि बढ़ने पर स्वत: ही व्यवसाई की हो जाती है. खास बात यह है कि इस तरह की रजिस्ट्री से पहले कोई एग्रीमेंट नहीं करता है. ऐसी सैकड़ों रजिस्ट्री मिली है.

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पावटा में फ्लैट कौड़ियों के भाव खरीदे- शहर के पावटा स्थित बहुमंजिला आवासीय अपार्टमेंट में 35 फ्लैट की रजिस्ट्री भी व्यवसाई के यहां मिली है. 2019 में महज 32 लाख रुपए में एक फ्लैट खरीदा गया है. जबकि वास्तविक कीमत दोगुना से अधिक थी. यह खरीद इसलिए भी संदेह के दायरे में है कि इस बहुमंजिला इमारत को डेवलप करने वाले ग्रुप के विरुद्ध जांच चल रही है. यह जानकारी आयकर विभाग अन्य एजेंसी को भी शेयर करेगा.

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